लखनऊ।
समाजवादी पार्टी द्वारा कन्नौज में आयोजित किसान यात्रा में शामिल होने से रोके जाने के बाद धरने पर बैठे अखिलेश यादव व अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव व अन्य नेताओं को उन्हें उनके घरों में ही नजरबंद किया गया है। साथ ही उनके वाहनों को भी कब्जे में ले लिया गया है। धरने पर बैठे अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा कोरोना को बहाना बनाया है। भाजपा के लिए किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए कोरोना वायरस नही दिखता है। जबकी विपक्ष अगर कहीं भी कुछ करता है तो सरकार कोरोना का बहाना बना लेती है। उन्होने कहा की सरकार तानाशाही कर रही है और लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। अखिलेश ने कहा की सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन अब कृषि कानून लाकर उन्हें कमजोर कर रही हैं।
इधर अखिलेश यादव को हिरासत में लेने के बाद पार्टी नेताओं ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि समाजवादी अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्षरत रहेंगे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को असंवैधानिक तरीके से मुख्यमंत्री के आदेश पर रोका जाना घोर निंदनीय है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सपा अध्यक्ष को उनके आवास पर नजरबंद किया है। साथ ही पार्टी के प्रदेश मुख्यालय को भी बैरिकेडिंग लगाकर उसे छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसे लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और पुलिस से उनकी झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तीन विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और आशु मलिक को भी हिरासत में ले लिया और उनकी गाड़ियां भी जप्त कर ली।
अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के रवैए के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा कि किसान के समर्थन में उनका पूर्व घोषित कार्यक्रम कन्नौज में है। जिसकी सभी तैयारियां हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोका गया। अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार का अलोकतांत्रिक व्यवहार उनके नागरिक अधिकारों का हनन है। पूरा मामला सांसद होने के नाते विशेषाधिकार के हनन का भी है ।