केला, शीशम सहित सैकड़ों पौधे नष्ट, ग्रामीणों ने जागते गुजारी रात

Koderma News: जंगल से निकलकर अब हाथियों का झुंड अब शहरों में प्रवेश करने लगा है। मंगलवार की रात झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 28 अंतर्गत मोरियावां के समीप स्थित एक बड़े फार्म के चाहरदिवारी को तोड़कर अंदर प्रवेश कर गए। करीब 17 एकड़ में फैले इस फार्म में लगे फलदार और कीमती पेड़ों को हाथियों ने तहस-नहस कर दिया। इस घटना से फार्म के बगल बसी 1500 आबादी वाली मोरियावां बस्ती में रात भर अफरा-तफरी और भय का माहौल बना रहा। यह फार्म पहले झांझरी बाउंड्री के नाम से जाना जाता था, जिसे वर्तमान में के एक व्यवसायी ने खरीदा है। इसमें आम, जामुन, केला, अमरूद, शीशम सहित कई बहुमूल्य पौधे लगाए गए थे।
करीब 160 केला के पेड़, 65 शीशम तथा अन्य बहुमूल्य वृक्षों को हाथियों ने नष्ट कर दिया। हाथियों ने सात फीट ऊंची बाउंड्री को ध्वस्त कर फार्म में प्रवेश किया और पेड़-पौधों को उजाड़ना शुरू कर दिया। बाउंड्री से सटे गांव में लोगों ने जैसे ही हाथियों की गर्जना और पेड़ों के टूटने की आवाज़ सुनी, पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग रातभर जागते रहे और बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते नजर आए।
बुधवार सुबह करीब 8 बजे वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने गांव में माइक से चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति हाथियों के पास न जाए, अन्यथा किसी भी अप्रिय घटना के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। चेतावनी देने के बाद वनकर्मी लौट गए।घटना की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग द्वारा कोलकाता से विशेषज्ञ टीम बुलाई गई, लेकिन इससे पहले ही हाथियों का झुंड गझंडी रेंज के जंगलों की ओर रवाना हो गया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय और नाराजगी दोनों व्याप्त है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जंगलों से सटे गांवों में रात्रिकालीन गश्ती, चेतावनी तंत्र और बाड़ाबंदी जैसी सुरक्षा व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए, ताकि भविष्य में जान-माल की क्षति से बचा जा सके। माामले में डीएफओ सौमित्र शुक्ला ने बताया कि गिरीडीह के रास्ते हाथियों का झुंड आया है। इसे वापस भेजने के लिए वन विभाग की टीम लगातार कार्य कर रही है।
बता दें कि पिछले एक माह से हाथियों का झुंड जिले के जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच सहित विभिन्न् इलाकों में भ्रमणशील है। हाथियों के द्वारा जंगल से सटे गांवों में रात में जमकर उत्पात मचाया जा रहा है। अबतक कई किसानों की फसल, घर सहित अन्य सामनों को नुकसान पहुॅचाया गया है। 25-28 की संख्या में हाथियों के झुंड में कई बच्चें भी शामिल है। भाजन और पानी की तलाश में हाथी का झुंड जंगल से बाहर निकल रहा है।