नई दिल्ली।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के दौरान देशवासियों से कई मुद्दों पर अपनी मन की बात रखी। प्रधान मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कनाडा से वापस भारत लाए जा रहे लगभग 100 साल पुराने देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को लेकर हर्ष जताया वही गुरु नानक देव जी महाराज के 551वें प्रकाश पर्व को लेकर देशवासियों को बधाई दी, साथ ही कोरोनावायरस काल के दौरान सिख समुदाय द्वारा परंपरागत तरीके से लोगों के लिए चलाए गए लंगर की खुलकर तारीफ की। मोदी ने मौके पर स्वदेशी को प्राथमिकता देने व देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। वही सरकार द्वारा किसानों के हित में लागू किए गए कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ उदाहरणों के जरिए किसानों को इस कानून के तहत मिले अधिकारों का भी उल्लेख किया।
देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस लाए जाने की खुशखबरी को देशवासियों के साथ किया साझा
मन की बात कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले पीएम मोदी ने लगभग 100 साल पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाडा से वापस लाए जाने को लेकर खुशखबरी का देशवासियों के साथ साझा की। उन्होंने कहा कि माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध रहा है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें अंतरराष्ट्रीय गिरोह का शिकार होती रही है। अब इन पर सख्ती तो लगाई ही जा रही है इनकी वापसी के भी प्रयास बढ़ाए गए हैं।
प्रकाश पर्व को लेकर मानवता को तवज्जो दिए जाने की कही बात
मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 30 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का 591 प्रकाश वर्ष मनाया जाएगा। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में कहा गया है कि सेवक को सेवा बन आई यानी सेवक का काम सेवा करना है। मौके पर उन्होंने लखपत गुरुद्वारा साहिब का चर्चा करते हुए कहा कि गुरु नानक जी अपनी उदासी के दौरान यहां रुके थे। वर्ष 2001 में भूकंप से इस गुरुद्वारे को भी नुकसान पहुंचा था। यह गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने लंगर की परंपरा शुरू की थी। इसी परंपरा के तहत सिख समुदाय ने कोरोना के समय में लोगों को खाना खिलाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। मानवता की सेवा की।
स्वदेशी को दे प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वदेशी के तहत हमें भारतीय कामगारों कारीगरों की बनाई हुई चीजों को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए। जहां जो नया है, वहां से हम सीखे। जो हमारे देश में अच्छा हो सकता है उसका हम सहयोग और प्रोत्साहन करें। यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान में वोकल फॉर लोकल मंत्र की भी भावना है।
कृषि विधायक से किसानों को मिली है ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि विधेयक की चर्चा करते हुए कहा कि इस विधेयक से सिर्फ किसानों के कई बंधन समाप्त नहीं हुए हैं बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं। इन अधिकारियों ने बहुत कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत किए गए प्रावधानों से किसानों को अपनी फसल के भुगतान के लिए लंबे समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्हें अपनी उपज के बिक्री का मूल्य कानून के जरिए 3 दिनों के अंदर ही प्राप्त होगा।