झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देश पर तीन बागी नेताओं को छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उन नेताओं पर की गई है जो पार्टी प्रत्याशी या गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजनी ने बताया कि मनिका विधानसभा सीट से मुनेश्वर उरांव, पांकी से देवेंद्र सिंह बिट्टू और गोमिया से इसराफिल अंसारी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
मुनेश्वर उरांव, जो लातेहार के जिलाध्यक्ष थे, पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में हैं। वहीं, देवेंद्र सिंह बिट्टू पांकी में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के विरोध में खड़े हो गए हैं। इसराफिल अंसारी गोमिया से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के गठबंधन उम्मीदवार योगेंद्र प्रसाद के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा के वादों को “झूठे वादों का पुलिंदा” करार देते हुए कहा कि राज्य की जनता अब भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाली। उन्होंने भाजपा पर छात्रों और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और पेपर लीक मामलों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में सख्त कानून लागू करने की मांग की। शाहदेव ने गृह मंत्री की भाषा पर भी नाराजगी जताई और इसे झारखंड कांग्रेस की ओर से निंदनीय बताया।
इस तरह कांग्रेस ने न केवल बागी नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है, बल्कि भाजपा के चुनावी वादों पर भी निशाना साधा है, जो आगामी चुनाव में राज्य की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।