झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 को भयमुक्त और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। इसी के तहत, गुरुवार की अहले सुबह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार (सेंट्रल जेल) में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई। डीसी वरुण रंजन और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई का उद्देश्य जेल में किसी भी आपत्तिजनक सामग्री की मौजूदगी का पता लगाना और चुनावी सुरक्षा तैयारियों को सुदृढ़ बनाना था। छापेमारी के दौरान सभी बैरकों और वार्डों की सघन जांच की गई, हालांकि, कोई आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ।
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती से जेल परिसर में सख्त जांच
इस छापेमारी में सुरक्षा बलों की बड़ी संख्या में तैनाती देखने को मिली। उपायुक्त वरुण रंजन और वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के साथ छापेमारी दल में अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) राजेश्वरनाथ आलोक, पुलिस अधीक्षक (नगर) राजकुमार मेहता, अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार, दो पुलिस उपाधीक्षक, कार्यपालक दंडाधिकारी, 20 पुलिस अधिकारी और 150 से अधिक पुलिस जवान शामिल थे। सेंट्रल जेल में यह छापेमारी सुबह-सुबह की गई ताकि जेल परिसर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अवांछित गतिविधियों की रोकथाम की जा सके।
वार्ड और बैरकों में गहन तलाशी अभियान, सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि
रांची सेंट्रल जेल के सभी वार्ड और बैरकों में गहन तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने हर बैरक और वार्ड में छानबीन की, ताकि किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री की उपस्थिति की जांच हो सके। चुनावी माहौल के मद्देनजर जेल में सुरक्षा और निगरानी को कड़ा किया जा रहा है। अधिकारियों ने जेल की सभी गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि कोई भी संदिग्ध सामग्री या व्यक्ति जेल की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती न दे सके।
चुनावी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सख्ती
झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षा इंतजामात को लेकर प्रशासन बेहद सतर्क है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के अवरोध को रोकना और शांति व्यवस्था को कायम रखना है। अधिकारीगण मानते हैं कि जेल में छापेमारी से न केवल चुनावी माहौल सुरक्षित रहता है बल्कि इस प्रकार के प्रयास अपराधियों के मन में भय उत्पन्न करने में भी सहायक होते हैं।
चुनाव से पहले सुरक्षा एजेंसियों का जोर, कानून व्यवस्था पर नजर
चुनावी तैयारियों के मद्देनजर राज्य के अन्य कारागारों और सार्वजनिक स्थलों पर भी सुरक्षा जांच के आदेश दिए गए हैं। चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए प्रशासन सतर्कता बढ़ा रहा है और इसी प्रकार के छापेमारी अभियान अन्य जिलों में भी चलाए जा सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
रांची में हुए इस छापेमारी अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी माहौल को सुरक्षित रखने के लिए राज्य प्रशासन किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगा। विधानसभा चुनाव 2024 की सफलता के लिए की जा रही सुरक्षा उपायों से आम जनता में विश्वास का माहौल बन रहा है, जिससे लोग निडर होकर मतदान में भाग ले सकें