झारखंड में चुनाव का बिगुल बज चुका है, और नामांकन प्रक्रिया समाप्त होते ही सभी प्रमुख दलों ने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। पहले चरण का मतदान आने में कुछ ही दिन शेष हैं, और भाजपा व झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच मुद्दों की टकराव से चुनावी माहौल गर्म हो गया है।
भाजपा की ‘माटी, बेटी और रोटी’ का संदेश
भाजपा इस बार चुनाव में ‘माटी, बेटी और रोटी’ के नारे के साथ उतरी है। इस मुद्दे के जरिए भाजपा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और आदिवासी समाज के जनसांख्यिकी संतुलन में बदलाव को सामने ला रही है। पार्टी का दावा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से विवाह कर भूमि और सत्ता पर कब्जा कर रहे हैं। झारखंड भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने स्पष्ट किया कि हेमंत सोरेन सरकार वोट बैंक की राजनीति के चलते इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।
‘रोटी’ के मुद्दे के तहत भाजपा बेरोजगारी और रोजगार की कमी को लेकर सरकार पर हमला कर रही है। भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन ने राज्य में पांच लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन वास्तविकता इसके उलट रही। परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक की घटनाओं ने सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का चुनावी दौरा
इस बार चुनावी प्रचार के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह होंगे। प्रधानमंत्री मोदी 4 नवंबर को गढ़वा और चाईबासा में दो रैलियों को संबोधित करेंगे, जिससे लगभग 20 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की योजना है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, मोदी झारखंड में छह चरणों में कुल छह रैलियां करेंगे। अमित शाह भी 2 नवंबर को रांची में आकर तीन रैलियों के जरिए पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे। भाजपा के इन दिग्गज नेताओं के आगमन से चुनावी रंग में और तेजी आने की संभावना है।
जेएमएम का ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ का वादा और ‘झारखंडी अस्मिता’ का जोर
दूसरी ओर, जेएमएम और उसके सहयोगी दल ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ के मुद्दे पर अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता के समक्ष रख रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए ‘मैया सम्मान योजना’ को प्रमुख चुनावी एजेंडा बना रहे हैं। इस योजना के तहत 57 लाख महिलाओं तक अपनी पहुंच बनाने का दावा करते हुए सोरेन ने विकास और समाज कल्याण के नाम पर वोट मांगे हैं।
‘बाहरी बनाम स्थानीय’ का मुद्दा भी जेएमएम का प्रमुख चुनावी नारा बना हुआ है। सोरेन भाजपा को ‘बाहरी’ पार्टी कहकर खुद को झारखंडी अस्मिता के लिए समर्पित नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके साथ ही सरना कोड और खतियान जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाकर सोरेन मतदाताओं को बता रहे हैं कि झारखंड के असली निवासी कौन हैं।
भाजपा के आरोपों का जवाब
भाजपा की ओर से लगातार उठाए जा रहे घुसपैठ के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे केंद्र सरकार की विफलता करार दिया है। उनके अनुसार, राज्य की सीमाओं की सुरक्षा केंद्र की जिम्मेदारी है, और ऐसे में घुसपैठ का मुद्दा भाजपा के लिए झारखंड की राजनीति में सिर्फ एक वोट बैंक की चाल बन गया है।
चुनावी माहौल में जनता की प्रतिक्रिया
भाजपा और जेएमएम दोनों के मजबूत मुद्दों के साथ जनता के सामने पहुंच रहे हैं, और इस बार बाहरी बनाम स्थानीय, बेरोजगारी, और महिला कल्याण योजनाओं पर जनता का फोकस साफ नजर आ रहा है। इन सभी मुद्दों ने चुनावी माहौल में गरमाहट ला दी है, और आगामी चुनाव परिणाम झारखंड की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है