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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 9 अक्टूबर 2024 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में एक बार फिर रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया। यह लगातार 10वीं बार है जब आरबीआई ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति महंगाई पर काबू रखने और आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सफल रही है।
साथ ही, आरबीआई ने यूपीआई पेमेंट्स में अहम बदलाव किए हैं। यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई है, जिससे छोटे भुगतान और सुगम होंगे। इसके अलावा, बैंकों को क्रेडिट कार्ड बकाये को लेकर भी विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य घोषणाएं:
- रेपो दर में कोई बदलाव नहीं, 6.5% पर कायम।
- एमपीसी ने 5:1 के मत से निर्णय लिया।
- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद महंगाई पर काबू पाया गया।
- यूपीआई पेमेंट्स की सीमा में बड़ा बदलाव, लाइट वॉलेट अब 5,000 रुपये तक।
- आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान।
- भारतीय बैंकों की सेहत मजबूत, लेकिन बढ़ते कर्ज पर सतर्कता की आवश्यकता।
- घरेलू मांग और सरकारी नीतियों से विनिर्माण में उछाल।
- बैंकों को क्रेडिट कार्ड बकाये पर सतर्कता बरतने की सलाह।
- महंगाई दर 4.5% के अनुमान पर बरकरार।
- चालू वित्त वर्ष के अंत तक आर्थिक स्थिरता की उम्मीद।
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