Palamu: जिला मुख्यालय से सटे चैनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी लक्की कुमार (18) हत्याकांड का पुलिस ने उदभेदन कर दिया है। लक्की की हत्या उसके ही दोस्तों ने शराब पीने के दौरान की थी। कांड में शामिल चार में से दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। दो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी तेज है। बताते चलें कि 8 जून को बंदूआ के खोहरी से लक्की कुमार का शव बरामद किया गया था। गोली मारकर उसकी हत्या की गयी थी।
पांच दिनों तक चले अनुसंधान के बाद चैनपुर पुलिस ने लक्की के दो साथी शहर थाना क्षेत्र के कांदू मुहल्ला के रहने वाला 22 वर्षीय रोहित कुमार पिता शिवशंकर राम एवं चैनपुर ब्लॉक के पीछे डोमटोली में रहने वाले पवन कुमार (27) को गिरफ्तार किया है। मेदिनीनगर के एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद ने बुधवार को चैनपुर थाना में लक्की हत्याकांड का उदभेदन करते हुए जानकारी दी।
एसडीपीओ ने बताया कि लक्की हत्याकांड में अज्ञात के विरूद्ध धारा 302, 201, 34 भादवि के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। अनुसंधान एवं छापामारी के क्रम में घटना में शामिल दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर ली गयी है। उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त गोली का पिलेट बरामद कर लिया गया है। घटना में संलिप्त अन्य दो अभियुक्त गिरफ्तारी के डर से भागे फिर रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतू लगातार छापामारी की जा रही है।कार्रवाई टीम में चैनपुर के प्रभारी थाना प्रभारी श्रीराम शर्मा, पु.अ.नि. चंदन कुमार, रंजीत कुमार, राजकुमार मेहता, स.अ.नि. रामचन्द्र चौधरी और जवान शामिल थे।
रोहित ने मारी थी गोली, पवन के साथ लाश को लगाया ठिकाने
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार रोहित कुमार और पवन कुमार ने लक्की हत्याकांड में किसकी क्या भूमिका रही, इसका खुलासा किया है। पवन के अनुसार सात जून की शाम रोहित कुमार, रेड़मा के अश्विनी तिवारी एवं कांदू मुहल्ला के विक्की गुप्ता एवं शाहपुर के लक्की कुमार (मृतक) चैनपुर प्रखंड कार्यालय के पीछे जलापूर्ति केन्द्र में बैठे हुए थे। सभी शराब पी रहे थे। पवन यहां डयूटी करता था। इसी क्रम में लक्की और रोहित के बीच किसी बात को लेकर नोंक झोंक हुई। बातचीत के क्रम में ही अश्विनी तिवारी के पास मौजूद पिस्टल खींचकर रोहित ने लक्की के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही लक्की की मौके पर ही मौत हो गयी।
घटना के बाद अश्विनी तिवारी और विक्की मौके से फरार हो गए। रोहित और पवन ने प्लानिंग के तहत लक्की की डेड बॉडी को जलापूर्ति केन्द्र में आने वाले ब्लीचिंग पाउडर के बोरे में भरकर उसी की बाइक पर रखकर वहां से पांच किलोमीटर दूर बंदूआ के सुनसान इलाके खोहरी में ले गए और फेंक दिया। दोनों वापस मृतक की बाइक से ही लौटे और हरभोंगा में पल्सर बाइक चाभी लगे अवस्था में सड़क किनारे लगाकर फरार हो गए। उनकी सोच थी कि बाइक के साथ जो पकड़ा जाएगा।