Hazaribagh: जीटी मवेशी तस्करों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। तस्कर नित्य नए नए तरीकों से झारखंड के रास्ते बंगाल मवेशी की तस्करी कर रहे है। बुधवार की रात चौपारण पुलिस ने जब एक टूरिस्ट बस को रोका तो उसके होश उड़ गए। बस में यात्री की जगह मवेशियों को ठूंस-ठूंस कर बंगाल ले जाया जा रहा था। बस में यात्री की सीट को हटाकर 25 गौवशीय पशुओं को बंगाल वधशाला में ले जाया जा रहा था। बस के अंदर का नजारा देख पुलिस भौचक रह गई। बस में क्षमता से अधिक क्रूरता पूर्वक गौवंशीय पशुओं का पैर एवं मूंह बांधकर लोड किया गया था। जिससे जानवरों के गर्दन एवं नाक से खून बह रहा था। एक पशु मृत पाया गया।
थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक, हजारीबाग को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि गौ तस्करों के द्वारा एक ब्लू रंग का रॉकी नामक बस में गौवंशीय पशुओं को बिहार से बंगाल ले जाया जा रहा है। सूचना के बाद उनके नेतृत्व में छापामारी दल का गठन किया। जिसमें पूअनि निलेश कुमार रंजन एवं चौपारण थाना सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। चोरदाहा चेकपोस्ट पर पहुंचकर बिहार से आने वाली वाहनों का सघन रूप से जांच शुरु की गई।
करीब 2 बजे बिहार की ओर से एक ब्लू रंग का बस आता हुआ दिखाई दिया। चालक को रूकने का ईशारा किया गया। लेकिन चालक वाहन को रोकने के बजाय तेजी गति से चेकपोस्ट में लगा बैरीकेटिंग को तोड़ते हुए भागने लगा। पुलिस के द्जिवारा पीछा किए जाने के बाद चालक अचानक घाटी के पास अपना गाडी खड़ा करके गाडी से कूद कर जंगल की ओर भागने लगा। बाद में बस की जांच करने पर बस के अंदर का सारा सीट को हटाकर उसमें क्षमता से अधिक क्रूरता पूर्वक गौवंशीय पशुओं को लोड पाया गया।
बस का तलाशी लेने पर पाया गया कि बस का रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर 02 एपी 4852 पर से स्टीकर लगाकर फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर चिपकाया गया है। इसके अलावा बस के अंदर से 18 फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर का स्टीकर बरामद हुआ। । छापामारी टीम में थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह, पुअनि निलेश कुमार रंजन, सअनि बादल कुमार महतो सहित सशस्त्र बल शामिल थे।