Ramgarh: शहर के राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में शुक्रवार की सुबह मॉर्निंग वॉक दौरान एक छात्र की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। आवासीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को लेकर उनके अभिभावकों के बीच भी चिंता बढ़ गई है।
घटना की जानकारी मिलते ही रामगढ़ पुलिस विद्यालय परिसर पहुंची और पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। विद्यालय के हॉस्टल में रह कर पढ़ रहा पांचवी कक्षा का छात्र आर्यन कुमार सुबह 5:00 बजे के बाद स्कूल के मैदान में सभी बच्चों के साथ निकाला था। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी। उसके एक साथी ने उसे सहारा दिया, लेकिन तब तक वह बेहोश होकर गिर पड़ा। स्कूल प्रबंधन ने उस छात्र को इलाज के लिए झारखंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन वहां उसकी स्थिति नहीं सुधरी। इसके बाद उस छात्र को रांची रोड स्थित होप अस्पताल ले जाया गया। वहां भी चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया। आर्यन को लेकर स्कूल प्रबंधन जब सदर अस्पताल पहुंचा तो चिकित्सकों ने वहां उसे मृत घोषित कर दिया। रामगढ़ पुलिस के अनुरोध पर मेडिकल बोर्ड बिठाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
बच्चे की लाश देख बिफर पड़े परिजन
मृतक छात्र आर्यन कुमार मांडू प्रखंड के बसंतपुर नीमटोला निवासी नेहरू गंझू का पुत्र था। अचानक सुबह 6:00 बजे स्कूल से उन्हें फोन आया कि उनके बच्चे की तबीयत खराब है। उन्हें बताया गया कि बच्चा होप हॉस्पिटल में भर्ती है। वह जैसे ही वहां पहुंचे तो पता चला कि आर्यन को लेकर वे लोग सदर अस्पताल चले गए हैं। जब नेहरू गंझू अपनी पत्नी के साथ वहां पहुंचे तो वहां उन्हें उनके बच्चे की लाश मिली। बच्चे की लाश देख मां बाप का कलेजा फट गया। उन लोगों ने बताया कि आर्यन का एडमिशन तीसरी कक्षा में ही राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में कराया गया था। 2 वर्ष से वह लगातार वहां पढ़ रहा था। अचानक उसकी मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने इस मामले में नेहरू गंझू का बयान लिया है। लेकिन उन्होंने ना तो विद्यालय प्रबंधन पर और ना ही किसी व्यक्ति विशेष पर किसी प्रकार का आरोप लगाया है।
घटना की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय टीम
राधा गोविंद पब्लिक स्कूल आवासीय विद्यालय है। वहां लगभग 80 बच्चे हॉस्टल में रहते हैं। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से राज्य सरकार ने कक्षा नर्सरी से 8 तक के बच्चों को छुट्टी देने का निर्देश जारी किया है। हालांकि आवासीय विद्यालयों को इस आदेश में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें भी भीषण गर्मी के मद्देनजर आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। विद्यालय में ऐसी क्या स्थिति बनी जिसकी वजह से एक होनहार छात्र की जान चली गई। इसके पीछे का रहस्य जानना भी जरूरी है। जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी विद्यालय परिसर, क्लास, हॉस्टल, बच्चों के रूम और वहां रहने की व्यवस्था की जांच कर रही है।
घटना के बाद अचानक कर दी गई विद्यालय में छुट्टी
राज्य सरकार के निर्देशों के बाद राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में रह रहे बच्चों को उनके घर नहीं भेजा गया। हालांकि प्रबंधन ने यह दावा किया है कि बच्चों के अभिभावकों को छुट्टी की सूचना दी गई थी। साथ ही लगभग 50 बच्चे अपने घर भी जा चुके थे। कुछ बच्चे हॉस्टल में रह रहे थे। लेकिन उनकी पढ़ाई नहीं चल रही थी। सुबह पांच से 5:30 के बीच बच्चों का काउंटिंग सेशन चलता था। शुक्रवार को भी वही प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान बच्चे टहलते भी थे और उसके बाद सभी बच्चों की गिनती कर उन्हें वापस उनके कमरे में भेज दिया जाता था। इस घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच शुरू की और विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों की भी छुट्टी कर दी। अब वहां 9वीं और 10वीं के भी बच्चों की छुट्टी कर दी गई है।