रामगढ़।
महिला -पुरुषों को 7वीं-8वीं कक्षा का छात्र बताकर 23 करोड के डीवीटी छात्रवृति घोटाला सामने आने के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है। इस फर्जीवाड़ा में डीबीटी के जरिए लाभुको के 23 करोड रूपए दूसरो के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। रामगढ़ के दुलमी स्थित फैजुल रजा मदरसा से महिला पुरूषो को 7वी 8वी कक्षा का छात्र बताकर छात्रवृति दे दी गई। इसकी शिकायत अंजुमन कमेटी ने डीसी काे दी थी। इसकी जांच कराने पर पता चला कि मदरसा डेढ़ साल से बंद है। लोहरदगा, धनबाद सहित अन्य जिलो में भी घोटाला होने की पुष्टि हुई है। धनबाद जिले में इंदिरा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल में सिर्फ तीन कमरे है, जिसमें 80 बच्चे अध्ययनरत है। लेकिन 2019-20 में यहां 323 बच्चो को छात्रवृति दी गई है। मालूम हो कि वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र ने झारखंड को 61 करोड़ रूपए दिए थे। इस फर्जीवाड़े में बिचौलियो ने अहम भूमिका निभाई। इसमें लाभुक छात्रो से आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट लिया गया था, पर डीबीटी के माध्यम से पैसे दूसरे खाते में भेज दिए गए। बिचौलिओं ने पासवर्ड में हेराफेरी कर इस काम को अंजाम दिया। इस मामले में दुमका में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि घोटाले की जांच कराई जाएगी। मुख्य सचिव को इसका आदेश दे दिया गया है।