Ramgarh: चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है। इस त्यौहार को लेकर विश्व प्रसिद्ध रजरप्पा मां छिन्नमस्तिका मंदिर में भी विशेष पूजन का आयोजन किया गया है। मां छिन्नमस्तिका मंदिर में प्रथम दिन पुजारियों के द्वारा मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की आराधना की गई। इस दिन मां छिन्नमस्तिका के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। सुबह से ही भैरवी नदी में स्नान कर श्रद्धालु माता के दर्शन करने मंदिर पहुंचे।
पुजारी दीपेंद्र पांडा ने बताया कि मां शैलपुत्री की आराधना करने वाले लोगों को तत्काल सिद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। इस मौके पर दुर्गा सप्तशती पाठ, यज्ञ, हवन और श्रृंगार भी मां छिन्नमस्तिका दरबार में हो रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारा का आयोजन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी होती है। इस मौके पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को नव वर्ष की शुभकामनाएं भी दी गई।
सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम
चैत्र नवरात्र में मंदिर आने वाले भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। आने वाले दिनों में भी यहां भीड़ बढ़ सकती है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम भी किए गए हैं। श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसके लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं । इसके साथ ही साधकों के लिए धर्मशाला और हवन कुंडों की साफ सफाई कर दी गई है।
नौ दिनों तक होगा मां का अलग श्रृंगार
मंदिर में 9 दिनों तक मां का अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है। विभिन्न तरह के भोग लगाए जाते हैं। अमावस्या के बाद चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र आरंभ हो जाता है। इस दिन हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्र को लेकर भक्त कलश की स्थापना कर माता की पूजा करते हैं। रजरप्पा मंदिर में मां की आराधना करने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और देश के दूसरे राज्य से भी भक्त यहां पहुंचते हैं।