-केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1000 करोड़ से अधिक के ऋण और अनुदान का किया वितरण
Chhapra: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सैकड़ों लाभुकों के बीच 1000 करोड़ से अधिक के लोन (ऋण) और अनुदान का वितरण किया। इस मौके पर सीतारमण ने लोगों से पूछा कि गांव की महिलाएं लखपति क्यों नहीं हो सकती? साथ ही कहा कि मोदी की गारंटी है कि गांव की महिलाएं भी लखपति बनेंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। ‘ड्रोन दीदी’ योजना का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब गांव की महिलाएं अपने खेतों की देखभाल ड्रोन के जरिए कर रही हैं। इसके लिए उनको ट्रेनिंग भी दी जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री आज छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय कैंपस में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं।
बिहार में पहली बार इतने बड़े स्तर पर लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें खुद वित्त मंत्री भी शामिल हुईं। इस कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों की ओर से स्टॉल लगाए गए थे। वित्त मंत्री सीतारमण ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर गिरिराज सिंह और सांसद जनार्दन सिंह अग्रवाल के साथ सांसद राजीव प्रताप रूडी भी मौजूद थे।इस दौरान जिले के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भी केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी, जिले के प्रशासनिक अधिकारी, जीविका दीदी, सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मौके पर फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने जय श्री राम के नारे के साथ भाषण की शुरुआत की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता महिलाओं को सशक्त बनाने का है। स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का मतलब है 100 प्रतिशत काम पूरा होने का वादा। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई हितकारी योजनाओं की शुरुआत की। जनता ने भी इन योजनाओं को सफल बनाकर राष्ट्रनिर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस लाभार्थी सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री ने आवास ऋण के 170 लाभार्थियों के बीच 41.76 करोड़, वाहन ऋण के 209 लाभार्थियों के बीच 38.98, शिक्षा ऋण के 36 लाभार्थियों के बीच 2.51, अन्य खुदरा ऋण के 6,565 लाभार्थियों के बीच 202.77 करोड़, मुद्रा के 922 लाभार्थियों के बीच 32.36, स्टैंड-अप इंडिया के 34 लाभार्थियों के बीच 2.28 करोड़, पीएम स्वनिधि के 751 लाभार्थियों के बीच 1.65 करोड़, पीएमईजीपी के 128 लाभार्थियों के बीच 11.91, अन्य एमएसएमई ऋण के 829 लाभार्थियों को 98.56, केसीसी (कॉर्पोरेशन) के 1,746 लाभार्थियों को 17.38, केसीसी (एएचडी और मछली पालन) के 158 लाभार्थियों को 2.46, एसएचजी के 10,420 लाभार्थियों को 267.98, अन्य कृषि ऋण के 12,542 लाभार्थियों को 266.13 और अन्य ऋण के 3,994 लाभार्थियों को 95.85 करोड़ रुपये दिया गया है।