दादा सोबरन सोरेन की 66वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे हेमंत सोरेन और दीशोम गुरु शिबू सोरेन
Ramgarh: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को अपने दादा सोबरन सोरेन की 66वें शहादत दिवस पर जनता को बड़ी सौगात दी है। वे रामगढ़ जिले में अपने पैतृक गांव गोला प्रखंड के नेमरा में पहुंचे और दादा सावरेन सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ उनके पिता दीशोम गुरु शिबू सोरेन भी शामिल थे। मौके पर आयोजित स सभा में उन्होंने यहां 25.64 करोड रुपए की लागत से बनने वाली 34 योजनाओं का शिलान्यास किया। सीएम हेमंत सोरेन ने लाभुकों के बीच परीसंपत्तियों का भी वितरण किया।
जहां पैदल चलना था मुश्किल, वहां दौड़ रही गाड़ियां
लुकैयाटांड़ में बने शहीद सोबरन सोरेन के समाधि स्थल पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संवेदनशील औऱ आम जन की सरकार है। इस सरकार में योजनाएं एयर कंडीशन्ड कमरे में नहीं बनती हैं। हम राज्य के हालात और जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतियां बनाते हैं। योजनाएं हकीकत में धरातल पर उतरे, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि बरलांगा का नाम कोई जानता नहीं था। लेकिन अब यहां की धरती धीरे-धीरे विकसित हो रही है, जहां पैदल चलना मुश्किल था वहां 100 की स्पीड से गाड़ियां दौड़ रही हैं। यह तब संभव हुआ जब राज्य में जनता की सरकार बनी। हम बोलने पर विश्वास नहीं रखते हैं, जो काम लोगों ने कभी सोचा नहीं था वर्तमान सरकार वह सारे काम कर रही है। यहां कोई षड्यंत्रकारी व्यवस्था नहीं है, यह झारखंड की आम जनता की अपनी सरकार है।
दूसरी सरकार ने 17 वर्षों में नहीं किया था कोई काम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 23 वर्ष पहले संघर्ष के बाद अलग राज्य तो झारखंड बना, लेकिन यहां न तो संसाधनों का विकास हुआ और ना ही मूलभूत सुविधा ही लोगों को मिली। जिस तरीके से पहले की सरकारों ने नीति का निर्धारण किया उससे ना तो युवाओं को रोजगार मिल रहा था, ना ही किसानों को कोई सुविधा मिल रही थी। बच्चियां भी पढ़ने के लिए तरस रही थी। लेकिन अब वह सारे काम हो रहे हैं।हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी हर योजना धरातल से जुड़ी हुई है, और उन योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने के लिए अधिकारी भी सीधे गांव में ही पहुंच रहे हैं। झारखंड का गांव काफी पिछड़ा हुआ है। वहां के लोग योजनाओं के बारे में नहीं जानते थे। गांव में गिने-चुने लोगों को ही वृद्धा पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती थी। लेकिन अब राज्य के हर गांव में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हर व्यक्ति को पेंशन की सुविधा मिल रही है। यहां लोगों को रोजगार देने के लिए वैकेंसी निकल जा रहे हैं। स्कूल में भी शिक्षा का स्तर सुधरा है और बच्चियों की शिक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की है सरकार काफी संवेदनशील है। यही वजह है कि पिछले तीन वर्षों से लगातार आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वारा का कार्यक्रम चल रहा है।
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