सदस्यों ने कहा राजभवन और राज्यपाल किसी विशेष दल या व्यक्ति विशेष के दबाव में आकर काम कर रहे हैं।
Ranchi: हेमंत सोरेन सरकार की राज्य समन्वय समिति के सदस्य रविवार को राजभवन पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। समिति के सदस्यों ने राजभवन और राज्यपाल की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए गेट पर तैनात सुरक्षा सेल के एक संतरी को ज्ञापन सौंपा और वहां से चले गये।समिति के सदस्य और झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में राजभवन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी राजभवन से समय मांगा गया था लेकिन नहीं दिया गया था। इस बार विधिवत रूप से एक सितंबर को राजभवन को पत्र लिखकर तीन सितंबर का समय मांगा गया था लेकिन न तो समय मिला और न ही कोई सूचना दी गयी। इससे साफ है कि राजभवन और राज्यपाल किसी विशेष दल या व्यक्ति विशेष के दबाव में आकर काम कर रहे हैं।
विनोद कुमार पांडेय कहा कि जब भी कोई बिल विधानसभा से पास कर उसे राजभवन भेजा जाता है और राज्यपाल उसे वापस करते हैं तो उसकी सूचना उन्हें देनी पड़ती है ताकि सरकार उसमें संशोधन कर फिर से उसे विधानसभा में पारित कराये। इसके बाद बिल को राजभवन भेजा जा सके। पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार के तीन महत्वपूर्ण बिल लौटाने के मामले में राजभवन ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 200 का उल्लंघन किया है। लगता है कि राज्यपाल किसी के इशारे पर तीन अहम बिल को लटकाना चाह रहे हैं। राज्यपाल नहीं चाहते कि स्थानीय और नियोजन नीति बने और ओबीसी का आरक्षण बढ़े।
उन्होंने कहा कि 1932 खतियान आधारित नियोजन और स्थानीय नीति, एसटी, एससी और ओबीसी का आरक्षण दायरा बढ़ाने और मॉब लिंचिंग बिल राज्य की जनता के हित से जुड़ा है। यह झारखंड वासियों की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। स्थानीय नीति अलग राज्य की लड़ाई में मुख्य मुद्दा रही थी। इसके बाद भी तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने बिना संदेश के ही इसे लौटा दिया था। नये राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया।
समन्वय समिति के सदस्यों ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्यहित से जुड़ा मामला था। इसलिए राजभवन से समय नहीं मिलने के बावजूद हमलोग मांग पत्र सौंपने आये। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजभवन में न तो कोई ओएसडी उपलब्ध था और ना ही कोई सचिव और न ही कोई जिम्मेवार अधिकारी। इसलिए समन्वय समिति ने सुरक्षा में तैनात एक संतरी को ही मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय, राजेश ठाकुर, बंधु तिर्की, योंगेद्र महतो और फागू बेसरा आदि शामिल थे।
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