Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र स्थित निम्बू पहाड़ समेत अन्य इलाकों में हुए अवैध खनन की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने ईडी के गवाह विजय हांसदा की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। मामले में याचिकाकर्ता विजय हांसदा के अधिवक्ता सुधांशु शेखर ने कोर्ट के समक्ष बहस की। याचिका में कहा गया है कि विजय हांसदा ने जब नींबू पहाड़ पर हो रहे अवैध खनन को रोकने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि ने उन्हें धमकी दी। अवैध खनन और धमकी दिए जाने के दोनों मामलों की जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति मिलने के एक माह के भीतर सीबीआई को जांच शुरू करने का आदेश दिया है। इस आदेश से सूबे के कई बड़ी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ गांव के प्रधान विजय हांसदा ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर अवैध खनन और धमकाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की थी। उनका आरोप था कि पंकज मिश्रा सत्ता का दुरूपयोग कर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करा रहे है। . कोर्ट में आने से पहले विजय हांसदा ने स्थानीय थाना में अवैध खनन की शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने उसपर कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि विजय हांसदा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था। लिहाजा, पुलिस पर अविश्वास जताते हुए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
इसी बीच अवैध खनन मामले में ईडी की कार्रवाई शुरू हो गई थी। मनी लॉन्ड्रिंग के आधार सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोग ईडी के हत्थे चढ़ गये थे। फिलहाल, सभी जेल में ही हैं। . इसी मामले में ईडी ने विजय हांसदा को गवाह बनाया है. इस बीच 17 अगस्त को विजय हांसदा ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दे दिया था.
इसपर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसा लगता है कि पर्दे के पीछे कोई और है। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने विजय हांसदा के याचिका वापस लेने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने विजय हांसदा को प्रोटेक्शन मुहैया कराने का भी आदेश दिया था। अब पूरा मामला सीबीआई के पाले में चला गया है।