पटना।
मलमास माह की अमावश्या और नवरात्र पूजा को लेकर शुक्रवार को राज्य के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। बेगुसराय जिले के चमथा घाट से लेकर साहेबपुर कमाल पुल घाट तक अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। मौके पर लगभग 500000 से अधिक लोगों ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना किया। मलमास की समाप्ति के बाद घर में शुद्ध गंगाजल लाने और दुर्गा पूजा के कलश स्थापना समेत अन्य कार्यों के लिए गंगा घाटों से जल लाने के लिए घाटों पर 3:00 बजे से ही लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। इस तरह का नजारा जिले के झमटिया घाट, मथुरापुर घाट, सिमरिया घाट, सिहमा घाट, चाकघाट मीरअलीपुर घाट, साहेबपुर राजघाट और पुल घाट पर जुटने लगी थी। इसके अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, गया, नवादा, नालंदा, जमुई, शेखपुरा आदि जिलों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा मैया की पूजा अर्चना की और मठ मंदिरों में परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। मौके पर विशेष रूप से सिद्धाश्रम समेत अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई। हालांकि भीड़ को संभालने के लिए मौके पर प्रशासनिक व्यवस्था लगभग ना के बराबर दिखाई पड़ी। सिमरिया घाट के आसपास 10 किलोमीटर से अधिक लंबे जाम में काफी देर तक फंसे रहे।
धोड़े पर हो रहा है माता का आगमन
वैश्विक महामारी करोना काल में दुर्गा पूजा की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। शनिवार को कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा की भक्ति कर मनोवांछित फल पाने का अनुष्ठान शारदीय नवरात्र शुरू हो जाएगा। सभी जगहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा बनकर तैयार है। वही पूजन सामग्री को लेकर बाजार भी सज गया है। पूजा समितियां निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूजा की तैयारी की व्यवस्था की है। इस बार मां का आगमन शेर के बजाय घोड़े पर हो रहा है। इससे युद्ध, गृह युद्ध, आंधी, तूफान और सत्ता में उथल-पुथल सहित छात्रभंग योग बन रहा है। नवरात्रि के आखिरी दिन रविवार होने से मां भैंसा पर सवार होकर विदा होगी। इसके कारण रोग और शोक संताप बढ़ने की आशंका है।