WhatsApp Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉
Join Now
Ranchi: भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है जिसमें राज्य स्थापना से लेकर अब तक सभी जमीन घोटाले की जांच सीबीआई से या उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की अध्यक्षता में आयोग गठित कर कराने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि ज़मीन महाघोटाले में ईडी द्वारा किये जा रहे मनी लांड्रिंग की जांच आगे बढ़ने से सामने आ रही हैरान करने वाली जानकारियां की ओर आकृष्ट कराना चाहूंगा।
मरांडी ने कहा है कि राज्य में अब यह बात भी सामने आने लगी है कि रांची ही नहीं बल्कि राज्य के कई ज़िलों में ऐसे कई जमीन माफिया सक्रिय हैं। जिन्होंने ज़मीन के कागजातों के रखरखाव में सरकारी सिस्टम की कमजोरी और कमी का फ़ायदा उठाकर जालसाज़ी, हेराफेरी के बल पर सरकारी, ग़ैर सरकारी, गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासियों की ज़मीन लूट का कीर्तिमान क़ायम किया है।
सरकारी सिस्टम की कमी का फ़ायदा उठाकर कर जालसाज़ी में माहिर हर्षद मेहता, अब्दुल करीम तेलगी टाईप काम करने वाले कई जमीन माफियाओं ने दलाल, बिचौलिया, जालसाज़, गुंडे, प्रशासन, पुलिस और सत्ता संरक्षित नीचे से उपर तक बैठे कुछ बेईमान लोगों का सिंडिकेट बनाकर इन कामों को अंजाम दिया है । ताकि विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को किसी भी स्तर पर दबा दिया जा सके। ये जमीन माफिया अपने कामों में इतने माहिर हैं कि जिस ज़मीन को हथियाना होता है वहां पहले हर स्तर पर नीचे से उपर तक अधिकारियों, गुंडों, दलालों, बाहुबलियों से साठगांठ करते हैं फिर ऐसा धावा बोलते हैं कि आम आदमी, गरीब आदिवासी उस ज़मीन को इन बिचौलियों से बचाने के लिये पहले से “मैनेज सिस्टम” के सामने चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं ।
भुक्तभोगी हताश होकर करप्ट सिस्टम/सिंडिकेट के सामने थक कर हार मान लेते हैं।राज्य में ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं जहां ज़मीन क़ब्ज़े का विरोध करने वालों को ही इन माफियाओं ने पुलिस से मिलीभगत कर जेल भिजवाने का काम किया है। इस तरह राज्य की जनता को यह मैसेज दिया जा सके कि जो भी इन माफ़ियाओं का विरोध करेगा वो परेशानी से तंग-तबाह हो जायेगा।
गिरीडीह में तो जमीन माफ़िया ने विरोध करने वाले एक व्यक्ति को धारा 107 में जेल भिजवाकर चार महीने जेल में रखवा दिया। यह बात सोचने बाली है कि भला कौन दूसरा आदमी ऐसे जमीन माफियाओं के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत करेगा या सोचेगा ? । प्रदेश में ज़मीन के इस महाघोटाला का पूरा पर्दाफ़ाश करना अकेले ईडी के बस की बात नहीं है। मरांडीर ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल से लेकर अबतक के सारे ज़मीन हस्तांतरण, म्यूटेशन और जमीन क़ब्ज़ा करने/कराने के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने या उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच आयोग/कमीशन बनाकर जांच कराने का आदेश देने की मांग की है । जिससे प्रदेश की जनता को यह पता तो चल सके कि किन लोगों नेकिस-किस के सहयोग से झारखंड को “ज़मीन लूट महाखंड” बनाने का काम किया है।
WhatsApp Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉
Join Now