Ranchi: झारखंड सरकार के द्वारा नक्सली के लिए चलाये जा रहे नई आत्मसमर्पण नीति का सफल परिणाम सामने लगा है।जंगलों में माओवादियों के खात्मे को लेकर कई बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान में बड़ी सफलता सुरक्षा बालों को मिली है। गुरुवार को भाकपा माओवादी कमांडर और 15 लाख के ईनामी इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू ने गुरुवार को रांची जोनल आईजी कार्यालय में सरेंडर किया। इंदल गंझू ने आईजी अभियान एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, सीआरपीएफ के आईजी विधि कुमार विधि, हजारीबाग डीआईजी नरेंद्र सिंह और चतरा एसपी राकेश रंजन के समक्ष सरेंडर किया।
आईजी अमोल होमकर के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों ने इंदल का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर मुख्य धारा में शामिल किया।इंदल को पुलिस प्रशासन की ओर से शाल भी प्रदान किया गया ।इंदल झारखंड का कुख्यात उग्रवादियों में शामिल था। इंदल मूल रूप से बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैन गांव का रहने वाला है। वर्तमान में वह भाकपा माओवादी संगठन में रिजनल कमांडर था और सरकार ने उसपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस की लगातार नक्सल विरोधी अभियान से परेशान होकर इंदल ने सरेंडर किया है। इंदल गंझू के खिलाफ 145 मामले दर्ज हैं। इनमें चतरा जिला में 48, पलामू जिले में एक, हजारीबाग जिले में पांच और बिहार के गया 78 एवं औरंगाबाद में 13 मामले दर्ज हैं।
हथियार डालो नही त सफाया : आईजी अमोल होमकर
मौके पर आईजी अभियान एवी होमकर ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है और इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के खिलाफ सफलताये भी मिल रही है। वहीं दूसरी ओर भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति नई दिशा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है, जो किसी कारणवश नक्सलवाद के रास्ते में भटक गये हैं। इसी क्रम में इंदल गंझु उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न ने सरेंडर किया है। इसके सरेंडर करने से भाकपा माओवादियों को बहुत बड़ा झटका लगा है।उन्होने कहा झारखंड में नक्सलियों के खात्मे तक अभियान जारी रहेगा। अमोल होमकर ने फिर एक बार दोहराया अगर आत्म समर्पण नहीं करेंगे तो मार गिराए जाएगें।
जमीन विवाद की वजह से बना था नक्सली
इंदल गंझु ने कहा कि जमीन विवाद को लेकर वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में शामिल हुआ था। इंदल ने बताया कि वह 2003 से भाकपा माओवादी संगठन में शामिल था। उसके गांव के गोतिया (रिश्तेदार ) ने उसकी जमीन हड़प ली थी। इस वजह से वह संगठन में शामिल हुआ। इसके बाद डर से उसके जमीन को रिश्तेदारों ने छोड़ दिया। भाकपा माओवादी के बिहार रिजनल कमेटी के तहत मध्य जोन के शीर्ष नेता संदीप यादव की मौत के बाद संगठन का विस्तार करने, नीति निर्धारण करने में इंदल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।