Ranchi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मोदी सरनेम मामले में मुश्किलें कम नहीं हो रही है। झारखंड की रांची की एमपी/एमएलए कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम मामले’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अनामिका किस्कू की अदालत ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मोदी सरनेम केस से जुड़े मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने से इंकार कर दिया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से दाखिल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी को खारिज कर दिया। राहुल गांधी के अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने बताया कि व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी को खारिज कर दिया गया है। उपस्थिति के लिए 22 मई की तिथि निर्धारित की गयी है।
उल्लेखनीय है कि रांची के रहने वाले प्रदीप मोदी नाम के व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ मोदी उपनाम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस किया था। इसकी रांची एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस केस में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक पुष्पा सिन्हा ने बहस की। राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने बहस की। राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2019 में रांची सहित अन्य रैलियों में कहा था कि जिनके नाम के आगे मोदी लगा है वह सभी चोर हैं।
राहुल के वकील ने अदालत से गुजारिश की थी कि उनके मुवक्किल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाये। एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी की इस याचिका को खारिज कर दिया । मालूम हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से मानहानि केस में दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर मंगलवार (2 मई) को गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को अंतरिम राहत नहीं दी है। कोर्ट ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला देना उचित होगा। कोर्ट ने 2019 के मामले में हुई सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस हेमंत प्रच्छक छुट्टी के बाद फैसला सुनाएंगे।