Palamu: जिले के नीलाम्बर पीताम्बरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित जैप 8 पुलिस मुख्यालय में हवलदार का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जैप 8 के मेस मैनेजर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक जवान की पहचान झारखंड जगुआर के जवान अवनीश कुमार वर्मा बैच न.468 के रुप में की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक मृतक जवान के घर मे कोई घटना घटी थी जिस कारण उक्त जवान ने छुट्टी का आवेदन dsp दीपक कुमार को दिया था। बार बार आग्रह के बावजूद dsp दीपक कुमार छुट्टी देने की जगह प्रताड़ित करते रहे। छुट्टी नही मिलने से आहत और पदाधिकारीयों के प्रताड़ना से आहत जवान ने खुदकुशी कर लिया। घटना के बाद जवानों ने जमकर हंगामा किया। कई जवानो ने dsp दीपक कुमार, ट्रेनर जयप्रमानंद सिंह, ट्रेनिंग मेजर कमलेश दुबे पर जवानों को लगातार प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।इधर सूचना मिलने के बाद जमशेदपुर के बागबेड़ा से मृत जवान के परिजन पलामू के लिए रवाना हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक सुबह में रूटीन के हिसाब से सभी जवान पीटी के लिऐ ग्राउन्ड में गए थे । इसी दौरान अचानक सूचना मिली की मेस मैनेजर ने अपने बैरक में फांसी लगा ख़ुदकुशी कर ली। इसकी सूचना पाकर सारे जवान जब घटनास्थल पर पहुंचे तो आईआरबी 3 के हवलदार का ट्रेनिंग ले रहा जवान अवनीश कुमार वर्मा झूलता हुआ मिला । अनीश ने स्टील के पाइप से फांसी लगा ली थी। उनकी नब्ज चल रही थी। घटना की सूचना लेस्लीगंज थाना को दी गयी। सूचना मिलने पर लेस्लीगंज थाना प्रभारी गौतम कुमार राय मौके पर पहुंचे ,जवान को फंदे से उतारा उसके बाद आनन फानन उसे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लेस्लीगंज भेजा गया जहा उन्हें प्राथमिक उपचार कर बेहतर ईलाज के लिऐ एमएमसीएच मेदीनीनगर भेज दिया जहा डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना पाकर पलामू पुलिस कप्तान सह जैप 8 कमांडेंट चंदन कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे सभी जवानों को समझाया और मामले को शांत कराया और विभागीय जांच कर उचित करवाई करने की बात कहीं । हंगामा कर रहे जवानों ने dsp दीपक कुमार को हटाने की मांग कर रहे है।
लेस्लीगंज स्थित जैप 8 के मुख्यालय में करीब 400 जवान 23 जनवरी से ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनमें अवनीश वर्मा भी शामिल थे। अवनीश मूल रूप से जमशेदपुर के बागबेड़ा के बीडी रोड के रहने वाले हैं। अनीश कुमार वर्मा वर्ष 2013 में आईआरबी में बहाल हुए थे। उसके बाद 2015 में उनका चयन झारखंड जगुआर में हुआ था। जगुआर में तैनात होने के बाद अनीश वर्मा बूढ़ापहाड़, सारंडा समेत कई बड़े नक्सल अभियान में शामिल रहे