Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में राज्य सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 01 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपये का चौथा बजट पेश किया। सदन में वार्षिक बजट पेश करने के पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो को वर्ष 2023-24 की बजट की प्रति सौंपी।
रामेश्वर उरांव ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह झारखंड का हमीन कर बजट है। इस बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। बजट में सभी वर्गों के सुझाव को समाहित किया गया है। राज्य पिछले तीन सालों में विकास की ओर अग्रसर है। झारखंड की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। आंकड़ों से यह साबित हुआ है। वित्त मंत्री ने झारखंड की जनता को बजट समर्पित करते हुए कहा कि यह बजट अंतिम आदमी को आगे लाने का काम करेगा। विकास दर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है तो वहीं सरकार को राजस्व संग्रह में भी 23.28 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। सरकार ने बजट बनाने से पहले ही हमीन बजट पोर्टल के माध्यम से राय लिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकार में बजट में अमूमन 10 प्रतिशत की वृद्धि होती थी लेकिन हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने 15 प्रतिशत की वृद्धि की है। सीएम मेधा छात्रवृति योजना, सीएम गंभीर बीमारी योजना, धोती साड़ी लूंगी योजना सहित सभी योजना सीधे राज्य की जनता से जुड़ी है। हमारी सरकार के पांव जमीन पर मजबूती से टिके हैं और आसमान की ऊंचाई को छूना है। हमारी सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बेहतर ऋण प्रबंधन किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए राजकोषीय घाटा पर भी नियंत्रण रखने में सफलता पाई है। राजकोषीय घाटा एक प्रतिशत से भी कम रखने में सफलता पाई है। विगत तीन वर्षो में योजना व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि स्थापना व्यय में लगातार कमी आई है। हेमंत सरकार राज्य के विकास को तरजीह दे रही है। 23- 24 में राजकोषीय घाटा तीन प्रतिशत से कम होने का अनुमान है।
13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़ की राशि हस्तांतरित
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकता किसानों को ऋण से मुक्ति दिलाना और उनके आय में बढ़ोतरी करना है। 13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़ की राशि हस्तांतरित किया गया। सौर ऊर्जा आधारित मैक्रो एरिगेशन को लागू करने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू किया जाना है।
वर्ष 2023-24 योजना क्रियान्वयन वर्ष होगा
रामेश्वर उरांव ने कहा कि हमीन कर बजट में प्रस्तावित योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए वर्ष 2023-24 योजना क्रियान्वयन वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में राज्य का आर्थिक विकास दर 1.1 प्रतिशत था जबकि वर्ष 2021-22 में यह 8.2 प्रतिशत रहा। वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की तुलना में हमारे राज्य का विकास दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
राजस्व आय में हासिल की वृद्धि
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य ने अपने राजस्व आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व आय 25 हजार 521 करोड़ 43 लाख रुपये थी जो वर्ष 2021-22 में 31 हजार 320 करोड़ 36 लाख रुपये हो गयी तथा वर्ष 2022-23 में 22.28 प्रतिशत वृद्धि के साथ 38 हजार 612 करोड़ 84 लाख रुपये रहने का अनुमान है।
कृषि के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता सूखा से राहत, आय सुनिश्चित करना
कृषि के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता सूखा से राहत, आय सुनिश्चित करना। सूखा राहत के लिए प्रत्येक किसान परिवार को 3500 रुपये का लाभ। सिंचाई का लाभ के लिए पांच एकड़ क्षेत्र से कम तालाब से गाद हटाने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कृषि संवृद्धि योजना लागू की जाएगी। फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने और जैविक कृषि की दिशा में सरकार इस वर्ष फसल सुरक्षा योजना लागू करेगी। ग्रामीण विकास में मनरेगा के तहत 9 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य, 1020 करोड़ रुपये का प्रावधान। एक लाख के किसानों के भूमि में सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3542 करोड़ का प्रावधान।
आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा
जल संसाधन विभाग में 1964 करोड़ का बजट। पटम्बा और पलामू में मेगा सिंचाई योजना। पंचायती राज में 1968 करोड़ का बजट।
पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण योजना शुरू होगी। प्रत्येक सचिवालय में ज्ञान केंद्र की स्थापना होगी। प्रत्येक सचिवालय में 65 इंच की एलईडी टीवी स्थापित की जाएगी। महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा में 7171 करोड़ का बजट। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत 2131 करोड़ का प्रावधान। विधवा पुनर्वास योजना में महिलाओं को कई फायदा। आंगनबाड़ी चलो योजना शुरू की जाएगी। सभी केंद्रों में फर्नीचर दी जाएगी। 800 नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे। 100 करोड़ रुपये का प्रावधान। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 6000 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि छोटे-मोटे जरूरत की पूर्ति वे खुद कर सकेंगे। आंगनबाड़ी महिलाओं के मानदेय में बढ़ोतरी। आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा।