Ranchi: राजभवन के समक्ष स्वास्थ्य सेवा के अनुबंध कर्मी की बेमियादी आमरण जारी है।आज आमरण स्थल पर चार हड़ताली महिला कर्मी की हालत नाजुक बन गई। वहां तैनात चिकित्सक और सुरक्षाबल के द्वारा जबरन उन्हे अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया गया परन्तु हड़ताल करने वालों ने उसे विफल कर दिया ।दर्जन भर हड़ताली पहले से ही अस्पताल में भर्ती है जिसमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है।जिला प्रशासन और सरकार के रवैया को देखने पर लगता है की किसी भी दिन या समय यहां कोई बड़ी घटना हो सकती है।हड़ताल में शामिल कर्मी भी आर पार की लड़ाई शुरू कर दिया है।
मालूम हो की झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ एवं झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ के संयुक्त तत्वाधान में आंदोलन का 28 वां दिन तथा आमरण अनशन का 21 वा दिन होने जा रहा है लेकिन सरकार के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही है । आमरण स्थल पर बैठे हड़ताली का कहना है की लगता है कि हेमंत सरकार कुंभकरण नींद में रहते हुए गूंगी बहरी और संवेदनहीन हो चुकी है हम सभी अनुबंधित चिकित्सा कर्मी कोरोना काल में कोरोना योद्धा को झारखंड सरकार ने सम्मानित किया लेकिन आज अपनी नियमितीकरण के लिए महीनों से राज्य के सड़कों पर आंदोलन करने के लिए बाध्य है क्या कोरोना योद्धा इतने बुरे हैं कि सरकार संवाद भी नहीं करना चाह रही है।
हड़ताली कर्मी का कहना है की अपनी वादा से मुकरे जो झारखंड के आमो आवाम के लिए दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है और साथ ही साथ जनहित के स्वास्थ्य के लिए चिंतनीय है हम सभी अनुबंध चिकित्सा कर्मी अपने आंदोलन में आंशिक बदलाव लाते हुए आज सोशल मीडिया साइट जैसे ट्विटर अकाउंट एवं फेसबुक के माध्यम से अपनी मांगों को तथा सरकार के वादों को निभाने हेतु अभियान चलाया हम सभी अपनी मांगों को लेकर 14 फरवरी को मशाल जुलूस और 15 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री के डोरंडा आवास का घेराव करना सुनिश्चित हुआ है।हड़ताली कर्मी ने सामूहिक आत्मदाह तक की चेतावनी दे दी है।