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Ranchi: झारखंड के प्रवासी मजदूरों का विदेशों में फंसने का मामला रविवार को एक बार फिर सामने आया है। राज्य के 36 प्रवासी मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। मजदूरों को काम के बदले कंपनी चार महीने से मजदूरी नहीं दे रही है। इससे मजदूरों के समक्ष खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है। मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपनी पीड़ा को साझा करते हुए सरकार से वतन वापसी की गुहार और बकाया मजदूरी की भुगतान किए जाने की मांग की है।
ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों में -बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड स्थित हुरलुंग से गये श्रमिकों में नारायण महतो, बालेश्वर महतो, कडमा के दशरथ महतो, अशोक कुमार, कतवारी के प्रकाश महतो।-धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड अंतर्गत मानटांड के दिनेश कुमार महतो।
-गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत तुकतुको के खिरोधर महतो, नागेश्वर चौधरी, रामदेव महतो, औरा के सुखदेव महतो, संतोष कुमार महुरी के गोवर्धन महतो, ढिबरा के जगरनाथ महतो, परतापुर के गणेश महतो घाघरा के कैलाश महतो, सरिया प्रखंड के अंतर्गत पिपराडीह के डुमरचंद महतो, डुमरी प्रखंड के अंतर्गत कुलगो के शंकर कुमार, सेवाटांड झरिलाल महतो।
-हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर के बालेश्वर महतो, नागी के महेंद्र महतो, करगालो के शिवशंकर साव, सारूकुदर के टुकामन महतो, नागेश्वर महतो, केंदुवाडीह के डेगलाल गंझू, बलकमक्का के दर्शन महतो, उच्चाघाना के प्रकाश महतो, खरना के सुरेश महतो, डेगलाल महतो, महेश महतो, अशोक कुमार, सिरैया के राजेश महतो, बसरिया के सुकर महतो. टाटीझरिया प्रखंड अंतर्गत जोलमी के दौलत महतो, लालमण महतो, योधा महतो के नाम शामिल है।
प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों को मदद किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
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