रांची। रांची विश्वविद्यालय प्रशासन और योग विभाग के अधिकारियों की कर्तव्यहीनता, लापरवाही और उपेक्षापूर्ण नीति के कारण योग विभाग का बेबसाइट समय पर रिन्यूअल फीस मात्र आठ हजार रुपए जमा नही कराने के कारण बेबसाइट कम्पनी ने दूसरे ग्राहक के नाम कर दी ।अब उक्त बेबसाइट पर रांची विश्वविद्यालय और योग विभाग का स्वामित्व पुरी तरह समाप्त हो गया है । विश्वविद्यालय के अधिकारी और योग विभाग के शीर्ष नेतृत्वकर्ता पर्दादारी करते नजर आ रहे है। इधर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रो पर मुशिकल का पहाड़ टूट पड़ा है । छात्रो को किसी भी तरह की सुचना या जानकारी से भी वंचित रहना पड रहा है।
आज जब देश और विदेश में योग की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के द्वारा इस प्रकार की लापरवाही क्षमा योग्य नही मानी जा सकती । बताया गया है की रांची विश्वविद्यालय के योग विभाग को यह बार बार नोटिस किया गया था की उनके बेबसाइट की तिथी रिन्युअल की फीस तय समय पर जमा करा दी जाए । परन्तु योग विभाग के निदेशक और कोडिनेटर ने इस ओर तनिक भी ध्यान नही दी । फलस्वरूप कम्पनी ने दूसरे के हाथों बेबसाइट की बिक्री कर उनके स्वामित्व को समाप्त कर दिया ।
अब योग विभाग बेबसाइट विहीन हो गया । विभाग का देश विदेश से जहां एक ओर सम्पर्क पुरी तरह कट गया है वही छात्रो को भी घोर कठिनाई का सामना करना पड रहा है। इस सम्बन्ध में विभाग के निदेशक कन्नी काट रहे है वही दूसरी ओर कोडिनेटर इसे तकनीक भुल बता रहे है। नये बेबसाइट बनाए जाने की बात की जा रही है। रांची विश्वविद्यालय लम्बे समय से अनियमितता और भ्रष्टाचार का केंद्र माना जाता रहा है ।परीक्षा के आयोजन हो या परीक्षाफल प्रकाशन की बात यह कभी भी यहां के अध्ययनरत छात्रो के लिए हितकारी काम नही किया है।विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अनियमितता के साथ साथ वित्तिय घोटाले की खबर आती ही रहती है ।योग विभाग के बेबसाइट का मामला कुलाधिपति और झारखंड सरकार के संज्ञान में लाया गया है।