आंदोलनकारियों एवं शहीदों के सपनों के अनुसार योजनाएं बनाए सरकार: प्रो. विनोद भगत
झारखंड आंदोलनकारियों की मांगों पर सहानुभूति नहीं दिखाई सरकार : अनिल कुमार भगत
लोहरदगा । झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में मंगलवार को समाहरणालय मैदान में कार्यकारी अध्यक्ष अमर किन्डो की अध्यक्षता में जयपाल सिंह मुंडा की जयंती आंदोलनकारी दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम कार्यकारी अध्यक्ष किन्डो व अतिथियों की ओर से अमर पुरोधा जयपाल सिंह मुंडा एवं क्रांतिज्योति सावित्री बाई ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन की गई।
मौके पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा केन्द्रीय समिति के महासचिव कयूम खान ने कहा कि झारखंड निर्माण का नींव मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने रखी, वहीं से झारखंड अलग राज्य आंदोलन की शुरुआत हुई। जयपाल सिंह के शोषणमुक्त झारखंड के सपने आज भी अधूरे हैं। अलग राज्य निर्माण के उपरांत झारखंड में विभिन्न सरकारों ने बड़ी-बड़ी योजनाओं के लाभ पर लूट मच गया। जिला संयोजक प्रो. विनोद भगत ने क्रांतिज्योति सावित्री बाई ज्योतिबा फुले और मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिस शोषण विहीन झारखंडी समाज एवं सुविकसित राज्य का निर्माण करना था, जो अभी अधूरे हैं। उन्होंने भाषा संस्कृति लागू करने के साथ-साथ जल जंगल जमीन की सुरक्षा एवं वन उत्पाद, कृषि उत्पाद आधारित उद्योगों की स्थापना करने की वकालत की। कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों एवं शहीदों के सपनों के अनुसार राज्य सरकार योजना बनाकर झारखंडी समाज का सुविकसित किया जाए।
मौके पर अनिल कुमार भगत ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जन्म से लेकर झारखंड राज्य की नींव रखने तक की पूरी जीवन दर्शन सामने रखीं। कहा कि अपने मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन के मामले को लेकर पिछले कई वर्षों से 11 सूत्री मांगों की लड़ाई लड़ी जा रही है, पर सरकार की ओर से सहानुभूति नहीं दिखाई गई। लगातार आंदोलित झारखंड आंदोलनकारियों का सब्र का बांध अब टूट चुका है। अपने सर्वस्व न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारी काल के गाल में समाते जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में झारखंड आंदोलनकारियों के समक्ष करो या मरो के अलावे दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाता है।
अन्य वक्ताओं में सीता उरांव, चैतू मुंडा, इसरार अहमद, जिला सचिव विशेषण भगत ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी दिवस के अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी अपने मान- सम्मान पहचान नियोजन व पेंशन की लड़ाई के लिए तीव्र आंदोलन की रणनीति भी तय जल्द तय किया जाएगा। इस अवसर पर सूरज मोहन लकड़ा, जिला महासचिव शाहिद अहमद, जगदीश उरांव, सोमनाथ भगत, सुखदेव उरांव, दीपक वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर, दशरथ उरांव, गंगा उरांव, मनोज उरांव, ललिता भगत, अानंद कुमार लक्ष्मी भगत, उषा रानी लकड़ा, संगीता वर्मा, अजीत खाखा, सुखराम भगत, महबूब अंसारी, खुर्शीद आलम, सुशीला लकड़ा, सबिता लकड़ा आदि समेत बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शामिल थे।