गढ़वा। आदमखोर तेंदुए ने बुधवार की शाम एक ओर बालक पर हमला कर उसकी जान ले ली। घटना रमकंडा रेंज के जंगल से सटे गांव कुसवार में बुधवार की देर शाम 6 बजे की है। जानकारी अनुसार जानकारी के अनुसार बली घांसी का पुत्र हरेंद्र घांसी (12) बुधवार की शाम अपने दोस्तों के साथ खेलकर घर वापस लौट रहा था। इसी बीच तेंदुआ ने हरेंद्र पर हमला करते हुए उसका गर्दन दबोच लिया और उसे जंगल की ओर खींच कर ले जाने लगा। तेंदुआ को देखते ही अन्य दो लड़कों ने शोर मचा दिया। बच्चों का शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़े, तब तेंदुआ बालक हरेंद्र को छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक हरेंद्र की मौत हो चुकी थी। इसके बाद तेंदुआ ने कुशवार गांव निवासी मंसूर मंसूरी के गौशाला में बंधे एक बैल को भी मार डाला और दूसरे बैल को गंभीर रूप से घायल कर दिया। आदमखोर तेंदुआ के लगातार हमले के बाद अब ग्रामीण काफी गुस्से में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ पिछले तीन सप्ताह से लगातार किसी ने किसी घटना को अंजाम दे रहा है, लेकिन वन विभाग इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। गौरतलब हो कि बुधवार को ही वन विभाग ने मंगराही गांव में तेंदुआ और लकड़बग्घा पकड़ने के लिए पिंजड़ा और ट्रैपिंग कैमरा लगाया। ड्रोन से निगरानी भी की, लेकिन इसी बीच यह घटना घट गयी। घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी शिवलाल कुमार गुप्ता, मुखिया विनोद प्रसाद व पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली।
उल्लेखनीय है कि अब तक आदमखोर तेंदुए ने चार बच्चो की जान ले चुका है। पहली घटना लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र में 12 वर्षीय बच्ची को तेंदुए ने अपना पहला शिकार बनाया। दूसरी घटना गढवा जिले के भंडरिया प्रखंड के रोदो गांव में नौ वर्ष के बच्चे को तेंदुए ने मार डाला था और उसके शरीर के आधे हिस्से को खा गया था। दोनों बच्चे किराने की दुकान में सामान लेने गए थे और घर लौट रहे थे। तीसरी घटना में 19 दिसंबर को रंका अनुमंडल क्षेत्र के सेवाडीह गांव के खरवार टोला निवासी जगदेव सिंह की सात वर्षीया पुत्री सीता कुमारी को शौच जाने के दौरान तेंदुए ने हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
वन विभाग मात्र तेंदुए को पकड़े का नाटक कर रही है। झारखंड सरकार के वन विभाग में शीर्ष अधिकारी की बैठक प्रारम्भ है। सरकार के मुखिया को सुचना प्राप्त हो चुकी है।सरकार जल्द ही वन विभाग को खास हिदायत देने वाली है। संभावना जताई जा रही है कि अब वन विभाग आमदखोर तेंदुए का मारने की अनुमति लेने पर विचार कर रही है।