रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को सत्ता पक्ष की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने सदन के अंदर एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें सवाल पूछने पर साजिश के तहत रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो तारांकित प्रश्न डाले थे लेकिन वह सदन में सवाल जवाब करने का मौका नहीं मिल पाया।
कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पहली पाली के दौरान ज्यादा वक्त अपनी सीट के पास खड़ी रहीं। वह सदन को कुछ बताना चाह रही थीं लेकिन उन्हें वक्त नहीं मिल रहा है। जब मौका मिला तो शिल्पी ने कहा कि उन्हें सवाल पूछने से साजिशन रोका जा रहा है। आज एक अधिकारी का सदन में पोल खुलने वाला था लेकिन मुझे समय नहीं दिया गया। शिल्पी नेहा ने कहा कि स्थिति इतनी भयावह है कि सदन से जिस संबंधित अधिकारी के बारे में सवाल पूछती हूं वो अधिकारी फोन कर संपर्क करने लगते हैं। फोन के जरिये सवाल नहीं पूछने की बात करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
सवाल पूछने से रोकता है बरही प्रखंड का सीईओ
हालांकि, सदन में उठाए गए मुद्दे का खुलासा विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कर दिया। सदन के बार पत्रकारों के समक्ष उस अधिकारी के नाम का खुलासा कर दिया। शिल्पी ने कहा कि बरही प्रखंड का सीईओ मुझे फोन कर सवाल पूछने से मना करते हैं। वह मुझे बार-बार फोन कर रहे थे। एक साजिश के तहत मुझे सदन में भी सवाल पूछने से रोका गया। हालांकि, मैं रुकने वाली नहीं हूं। जनहित का सवाल करती रहूंगी।उन्होने कहा की क्या नियम के अनुसार अधिकारी ने गलत नही किया ।यह जनप्रतिनिधि के अधिकार का हनन माना जाना चाहिए। मालूम हो की झारखंड विधान सभा में नेहा कांग्रेस के टिकट पर मांडर विधान सभा से उप चुनाव जीत कर आई है।सत्ता पक्ष के साथ साथ कुछ विपक्ष के विधायक ने भी इसे नियम विरुद्ध माना है।हलांकि सदन अध्यक्ष के साथ सी एम ने भी इसे गंभीर माना है।