रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति की एक अति-आवश्यक बैठक कांग्रेस भवन, रांची में आहूत की गई। बैठक में निर्णय लेते हुए कडी चेतावनी दी गई कि पार्टी में अनुशासन भंग करने वालों को किसी भी सूरत माफ नहीं किया जाएगा। क्योंकि संगठन में अनुशासन सर्वोपरि है। मालूम हो कि13 दिसम्बर को अनुशासन समिति की संपन्न बैठक में सभी कांग्रेसजनों को निर्देश दिया गया था कि पार्टी विरोधी या पार्टी नेतृत्व के विरोध में ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे पार्टी की छवि धूमिल होती हो।
इसके बावजूद कई प्रदेश पदाधिकारी सहित कुछ लोगों ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की है, जो दैनिक अखबारों में प्रकाशित तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा प्रसारित किया गया है। जान-बूझकर किए गए इस कृत्य से कांग्रेस की प्रतिष्ठा घटी है जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुशासनात्मक नियम 04 के (क) एवं (ड़ं0) का घोर उल्लंघन है।
बैठक के उपरांत अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह, सदस्य अनादि ब्रहम, काली चरण मुंडा, केशव महतो कमलेश, शमशेर आलम, अमुल्य नीरज खलखो ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के अनुशासन तोड़ने वाले आलोक कुमार दूबे, डॉ राजेश गुप्ता, साधु शरण गोप, राकेश तिवारी, लाल किशोर नाथ शाहदेव, अनिल ओझा, सुनील सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अनुशासन समिति ने प्रदेश अध्यक्ष को उक्त व्यक्तियों के निलंबन की अनुशंसा की है और यह कहा गया है कि 14 दिनों के अंदर प्रदेश कार्यालय को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।