रांची। उत्साह और उल्लास के बीच सिल्ली में तीन दिवसीय गूंज महोत्सव का आज झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने उद्घाटन किया। उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विकास के विविध आयाम से जुड़े गूंज महोत्सव में शामिल होकर प्रसन्नता हुई। गूंज की ‘अनुगूंज’ पूरी दुनिया में फैले।
राज्यपाल ने कहा कि महोत्सव का पहला दिन महिलाओं के नाम समर्पित है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़े बिना सशक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके साथ ही युवाओं और किसानों को बेहतर मुकाम देकर राज्य और देश को खुशहाल बनाया जा सकता है। इस दिशा में गूंज का प्रयास सराहनीय है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि छऊ कला को यूट्यूब पर देखा था। आज जीवंत रुप में सुंदर प्रदर्शन देख आह्लादित हूं।
राज्यपाल ने सुदेश कुमार महतो के समाज के हर वर्गों के विकास और क्षमता निर्माण में किए जा रहे रचनात्मक और सृजनात्मक प्रयासों की तारीफ की । कहा कि सुदेश कुमार महतो ऊर्जावान हैं। सिल्ली के साथ राज्य को बेहतर बनाने की उनकी सोच और मंशा सफल हो। इससे पहले सिल्ली कॉलेज में उन्होंने उच्च स्तरीय लाइब्रेरी और स्टडी सेंटर का ऑनलाइन शुभारंभ किया । स्टडी सेंटर का संचालन झारखंड स्टेट ओपन युनिवर्सिटी के द्वारा किया जाएगा ।
राज्यपाल के सिल्ली पहुंचने पर गूंज महोत्सव के संरक्षक पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो और अन्य अतिथियों ने स्वागत किया। रेड कारपेट पर राज्यपाल की अगवानी करते हुए मंच पर ले जाया गया। इस दौरान स्टेडियम में मौजूद बड़ी तादाद में महिलाओं, युवाओं, बच्चों और लोक कलाकारों ने महामहिम का ढोल, नगाड़े और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच गर्मजोशी से स्वागत किया। झारखंड तीरंदाजी संघ की उपाध्यक्ष नेहा महतो ने शॉल ओढ़ाकर और मोमेंटो देकर राज्यपाल का स्वागत किया। इसके साथ ही राज्यपाल एक साथ 5001 कलाकारों का ‘छऊ नृत्य कार्निवाल और 1500 युवाओं बच्चों का सांस्कृतिक प्रदर्शन देख भावविभोर हुए।
• विकास आधारित गूंज महोत्सव की यात्रा नये मोड़ पर: सुदेश कुमार महतो
इस मौके पर राज्यपाल और अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखंडी संस्कृति व परंपरा की विरासत का जतन करने की कोशिशों के साथ शुरू गूंज महोत्सव ने अपने यादगार सफर के साथ क्षेत्र के विकास और समाज के सशक्तिकरण में निर्णायक भूमिका अदा की है । इसके दारोमदार गूंज परिवार से जुड़े 74 हजार परिवार हैं। महामहिम ने आज सिल्ली की धरती को सुशोभित करते हुए गूंज महोत्सव के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह महोत्सव जहां खुशियों का दूसरा नाम है, वहीं उनका मुख्य मकसद समाज के हर वर्ग का सशक्तीकरण करना है।
• इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ छऊ नृत्य
समारोह में शामिल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सुब्रतो दास ने छऊ नृत्य को पारंपरिक नृत्य के तौर पर इस रिकॉर्ड्स में शामिल कर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सुदेश कुमार महतो को रिकॉर्ड्स से जुड़े मैडल पहनाया।
• झूम- झूम कर नाचे छऊ कलाकार
उदघाटन के दिन, 18 दिसंबर को एक साथ 5001 छऊ नृत्य कलाकारों ने ‘छऊ कार्निवाल’ पेश किया. हजारों की भीड़ उन्हें एकटक निहारती रही। इनके अलावा 1500 युवाओं और बच्चों के सांस्कृतिक प्रदर्शन ने खूबसूरत समां बांध कर रख दिया। तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंजता रहा। पाइका नाच भी हुआ। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सुंदर लहरियों पर लोग मंत्रमुग्ध होते रहे।
• सिल्ली स्टेडियम परिसर में बिनोद बिहारी महतो की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा
झारखंड आंदोलन के प्रणेता और लड़ो, पढ़ो और बड़ों का नारा देने वाले बिनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। स्टेडियम परिसर में लगी उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस के साथ सुदेश कुमार महतो, रांची के सांसद संजय सेठ, आजसू पार्टी के गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, राज्य सभा सांसद आदित्य साहू, विधायक लंबोदर महतो, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, पद्मश्री मुकुंद नायक, मधुर मंसूरी, छुटनी महतो, झारखंड तीरंदाजी संघ की वरीय उपाध्यक्ष नेहा महतो ने फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सुदेश महतो ने झारखंड के नव निर्माण सशक्त समाज का आह्वान किया।
• ओपन यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी गई
इस मौके पर सिल्ली में ओपेन यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी गई। राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय युवाओं का भविष्य संवारने में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका अदा करेगा। युनिवर्सिटी के कुलपति टीएन साहू ने इस विश्वविद्यालय के विभिन्न पहलु की चर्चा की और भरोसा दिलाया कि ग्रामीण परिवेश के युवाओं को भविष्य संवारने का बेहतर मौका मिलेगा।