शिमला। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1990 से चले आ रहे सत्ता परिवर्तन के रिवाज को कायम रखते हुए मतदाताओं ने भाजपा के हाथ से सत्ता की चाबी खींचकर कांग्रेस को सौंप दी है। कांग्रेस ने कुल 68 सीटों की विधानसभा में 39 सीटें जीत कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एक सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी आगे चल रहा है। इस तरह कांग्रेस 40 सीटें जीतने जा रही है। राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा 35 है। भाजपा ने 18 सीटें जीती हैं और 07 सीटों पर लीड कर रही है। भाजपा इस चुनाव में 25 पर सिमट सकती है। भाजपा की हार को सत्ता विरोधी लहर माना जा रहा है। मोदी मैजिक और डबल इंजन सरकार के काम के बावजूद भाजपा मिशन रिपीट नहीं कर पाई। विधानसभा चुनाव में हार के बाद जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंपा।
हिमाचल के चुनावी रण में तीन निर्दलीयों ने भी जीत हासिल की है। इनमें कांगड़ा जिले के देहरा से होशियार सिंह, सोलन जिला के नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर जिला की सदर सीट से आशीष शर्मा शामिल हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड बनाया है। उन्होंने सिराज सीट से 38 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की है। इस चुनाव में कई सीटों पर बड़े उलटफेर हुए हैं। भाजपा सरकार के सात मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं। हारने वाले भाजपा मंत्रियों में कुसुंपटी से सुरेश भारद्वाज, फतेहपुर से राकेश पठानिया, कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर, शाहपुर से सरवीण चौधरी, कसौली से राजीव सैहजल, घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग और लाहौल-स्पीति सीट से रामलाल मार्कंडेय शामिल हैं। वहीं कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार बड़े चेहरे कौल सिंह ठाकुर और आशा कुमारी चुनाव हार गए हैं।
कांगड़ा, शिमला, हमीरपुर, ऊना और सोलन में कांग्रेस को बंपर बढ़त, मंडी में भाजपा ने फिर लहराया परचम
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़े सियासी जिला कांगड़ा में मिली बढ़त ने सतासीन कर दिया। शिमला, सोलन, हमीरपुर और ऊना जिलों में भी कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इन चार जिलों की 38 सीटों में से कांग्रेस को 30 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस ने कांगड़ा में 11, शिमला में 07, सोलन में 04, हमीरपुर में 04, ऊना में 04 सीटें जीतीं हैं। भाजपा के गढ़ रहे हमीरपुर में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है। यहां भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई है। जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर की दो सीटें भी कांग्रेस के खाते में गईं। कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान मंडी जिला में झेलना पड़ा। यहां कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है, जबकि भाजपा ने पिछले चुनाव की तरह परचम लहराते हुए 10 में से 09 सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि सोलन जिले में भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। सोलन की 05 में से 04 सीटों पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय को जीत मिली है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिले बिलासपुर में भाजपा तीन सीटें जीतने में कामयाब रही, वहीं कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है।
14वीं विधानसभा में 82 साल के कांग्रेस के धनीराम शांडिल सबसे बुजुर्ग विधायक होंगे वहीं कांग्रेस के ही 28 वर्षीय चैतन्य सबसे युवा विधायक होंगे। इस बार विधानसभा चुनाव में एक महिला प्रत्याशी ही जीत हासिल कर सकीं। इनमें पच्छाद से रीना कश्यप हैं। पिछली विधानसभा में चार महिलाएं विधायक बनीं थीं।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए मचेगा घमासान
बहुमत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस सरकार गठन की तैयारी मे जुटेगी। संभावना है कि अगले तीन-चार दिनों में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुला सकती है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए नेताओं में घमासान मच सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को चंडीगढ़ बुलाया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह विधायक दल की बैठक में तय होगा। नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।