रांची। झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कर्मियों ने अपने 18 सुत्री मांगों के समर्थन में बुधवार से भूख हड़ताल शुरू की है। हड़ताल का असर आम उपभोक्ता पर पडना शुरू हो गया है। हड़ताल का सीधा असर मेंटेनेंस पर हो रहा है। इसके साथ ही राज्य में बिजली संकट भी गंभीर होने की संभावना है।
यूनियन की मानें तो हड़ताल में दो हजार से अधिक चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही साथ विभाग के नियमित कर्मचारी भी इनका समर्थन दे रहे है।जिसमें तकनीकी कर्मचारी अधिक संख्या में है। जो राज्य में बिजली व्यवस्था की कमान संभालते हैं। इसमें लाइन मेंटेंनेस से लेकर लाइन मैन, बटन पट्ट संचालक आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी सब डिवीजन्स में कार्यरत हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों के हडताल पर जाने से राज्य की बिजली आपूर्ति पर असर पड़ना तय है।
जानकारी हो कि अभी भी राज्य में सेंट्रल पुल से कटौती जारी है।प्रदेश मे पहले से ही बिजली की समस्या चल रही है।उपभोक्ता को सुचारू रूप से बिजली की आपूर्ति नही हो रही थी। दिन मे पांच छह घंटे बाधित आपूर्ति का सीधा असर औधोगिक ईकाई सहित जलापूर्ति और मेडिकल सेवा पर हो रहा था।कल ही मुख्य मन्त्री हेमन्त सोरेन ने समीक्षा बैठक मे यह हिदायत दी थी की उपभोक्ता को हर हाल मे निर्बाध बिजली की सप्लाई की जाए। आज से प्रारम्भ हड़ताल के बाद आपूर्ति पर इसका सीधा असर शुरू है।झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांग को लेकर आर पार की लडाई की धारणा कर दी है ।