कोडरमा। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 में मोदी से छुटकारा पाना है तो सभी पार्टियो को मिलाकर एक बड़ी गोलबंदी होनी चाहिए। बड़ी एकता, और बड़ा आन्दोलन की जरुरत है । सभी आन्दोलन की पार्टियों को गोलबंद कराना होगा। सभी पहलुओं पर लड़ने और दमन झेलने की भी हिम्मत की जरूरत है। बिना जन दबाव और आन्दोलन के कुछ भी संभव नहीं है। दीपांकर झुमरीतिलैया में पार्टी के राज्य स्तरीय कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थें।
उन्होंने कहा कि 2024 में मोदी सरकार वापस आई तो देश में बचा खुचा लोकतंत्र संविधान और न्याय खत्म हो जाएगा। शांति का मतलब विरोध की हर आवाज़ की दबा देना है। गुजरात चुनाव में जनता के सवालों पर बात करने के बजाय धर्मिक ध्रवीकरण किया। मोदी सरकार मंहगाई का मुकाबला नफरत से करना चाहते हैं। यह देश की विविधता और साझी विरासत पर हमला हैं। 2024 का चुनाव इस बार महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी जैसे सवाल के बजाय फिर फासीवादी तरीके से मंदिर मस्जिद के नाम पर कराने की तैयारी शुरु हो गया है।
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा की समूह के साथ साथ सामुहिक पहल की ज़रुरत है । तानाशाही सरकार की जन विरोधी नीतियों से लड़ने के लिए पंचायत स्तर पर संगठित करना होगा। तभी देश से कम्पनी राज को परास्त किया जा सकता है, इस बड़े अभियान में किसान मजदूरों बडी भुमिका और एकता की ज़रुरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त ने किया। पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद ने अपने सम्बोधन में पार्टी महाधिवेशन के कार्यभार पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में सभी जिला सचिवों ने अपने जिले की रिपोर्ट पेश किए।
कार्यशाला में केंद्रीय कमिटी सदस्य शुभेंदु सेन ,गीता मंडल पूर्व विधायक राजकुमार यादव राज्य स्थाई कमेटी के सदस्य बीएन सिंह सीता राम सिंह, मोहन दत्ता,भुवनेश्वर केवट रविंदर भुइंया, देवकीनंदन बेदिया, भुनेश्वर बेदिया,राजेश यादव उस्मान अंसारी, पूरन महतो देवदीप सिंह दिवाकर , राजेंद्र मेहता, विजय पासवान आदि नेताओं ने अपने विचार रखें।