रांची। झारखंड सरकार ने बोकारो डीआईजी कार्यालय में तैनात डीएसपी पवन कुमार और आईआरबी-5 जामताड़ा में तैनात डीएसपी मजरुल होदा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। अब इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब हो कि
राजधानी रांची के बुंडू आदर्श नगर निवासी रुपेश स्वांसी की आठ जुलाई, 2016 को हिरासत में मौत हो गयी थी, जिसमें डीएसपी पवन कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारी आरोपित है।
धनबाद जिले के हरिहरपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 में तोपचांची-राजगंज जीटी रोड पुलिस द्वारा ट्रक चालक से वसूली, उसे गोली मारने और फर्जी तरीके से हथियार प्लांट करने के मामले में सीआईडी ने डीएसपी मजरुल होदा को दोषी माना था। डीएसपी की मौजूदगी में घटना हुई थी।
उल्लेखनीय है कि बुंडू के आदर्श नगर निवासी 17 वर्षीय रूपेश स्वांसी की आठ जुलाई, 2016 को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। वह बुंडू में एक कपड़े की दुकान में काम करता था। रूपेश के पिता भूषण स्वांसी ने अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 7 जुलाई, 2016 को पांच बजे सिविल ड्रेस में दो पुलिसकर्मी उसकी दुकान पर आए और पूछताछ करने के नाम पर रूपेश को ले गए। रूपेश के पिता जब सुबह थाने गए तो पुलिसकर्मी उन्हें टहलाने लगे। तरह-तरह की बातें कहने लगे। फिर कहा कि रूपेश को रिम्स में भर्ती किया गया है। पिता रिम्स पहुंचे तो रूपेश मृत अवस्था में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी रूपेश के शरीर पर 16 जगहों पर जख्म की बात सामने आई थी।
घटना के बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने राहे ओपी के तत्कालीन प्रभारी अशोक प्रसाद और दशम फॉल के तत्कालीन थाना प्रभारी पंकज तिवारी को निलंबित भी कर दिया था। मामले में डीजीपी के आदेश पर सीआईडी की जांच कराई गई थी। जांच में बुंडू के तत्कालीन डीएसपी पवन कुमार अन्य पुलिस पदाधिकारी जांच में भी दोषी पाए गए थे।