रांची। प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि अवैध खनन के जरिये काली कमाई करने और इन पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोपी पंकज मिश्रा ने 27 जुलाई से अब तक रिम्स में रहने के दौरान उच्च पदस्थ और प्रभावशाली लोगों सहित विभिन्न व्यक्तियों से 300 से अधिक फोन कॉल्स पर बात की। अक्टूबर में ईडी ने उनके दो सहयोगियों चंदन यादव और सूरज पंडित को कथित तौर पर लोगों से बात करने के लिए उन्हें अपने मोबाइल फोन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह खुलासा तब हुआ जब पंकज मिश्रा की जमानत याचिका का ईडी के अधिवक्ता विरोध कर रहे थे।
ईडी की ओर से बहस में कहा गया कि पंकज मिश्रा अभी भी अपने सहयोगियों के माध्यम से अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे चार मोबाइल फोन की पहचान की गई है, और चारो मोबाइल फोन को जब्त किया गया है। शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में था पंकज मिश्रा । ईडी ने कहा है कि न्यायिक हिरासत में पंकज मिश्रा ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और वह झारखंड के शीर्ष पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में था।
ईडी का आरोप है कि पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं, इसलिए उसे हिरासत में सभी सुविधाएं मुहैया हो जा रही हैं. एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि अगर पंकज मिश्रा को जमानत मिल जाती है तो वे अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर साक्ष्य मिटाने और केस से जुड़े तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। हालांकि, पंकज मिश्रा ने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं, और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। ईडी ने मामले में उचित जांच किए बिना उन्हें अवैध खनन मामले में झूठा फंसाया है। ई डी ने कोर्ट मे अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किया ।