रांची/दुमका । पंकज मिश्रा प्रकरण में साहेबगंज पुलिस कठघरे में घिर गई है। मंगलवार को साहेबगंज जेल मेंं बन्द ईडी के बिशेष गवाह बिजय हांसदा ने अपने वकील के माध्यम से साहेबगंज न्यायालय में एक नई याचिका देते हुए कहा है की मैने सीएम हेमन्त सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के विरूद्ध कोई केस अब तक वापस नही लिया हू। मैने जो भी मामले दर्ज कराए थे उसमे उनके विरूद्ध केस लडूगा। मैने कोई भी केस वापस नही ली है। साहेबगंज पुलिस ने मुझसे हिरासत की अवधि में कुछ सादे पन्ने पर हस्ताक्षर कराए थे ,जिसका इस्तेमाल केस वापस लेने मे फर्जी तौर पर किया है। मालूम हो की साहेबगंज पुलिस ने बिजय को एक मामले मे गिरफ्तार कर जेल भेजा है ।
गौरतलब हो कि दुमका प्रक्षेत्र के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने 27 नवंबर को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बताया था की मुख्यमन्त्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के विरूद्ध कोई मामला नही चल रहा है। उन्होने कहा था की पुलिस के पास कोई तथ्य या सबूत नही है,जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होने यह भी कहा था की पंकज मिश्रा के विरूद्ध जो मामले दर्ज कराए गए थे उसे दर्ज कराने वाले वादी ने केस वापस ले लिए है। चार्ज सीट मे भी पंकज मिश्रा का नाम नही है।
इधर आज जेल मे बन्द वादी बिजय हांसदा के द्वारा न्यायालय में जो याचिका दायर की गई है वह साहेबगंज पुलिस को कठघरे मे खडा कर दिया है। सवाल यह उठ रहा है की दोषी किसे माना जाय। वादी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए न्यायालय में केस लडने की बात कही है।अब सवाल है की क्या साहेबगंज पुलिस ने बिजय हांसदा के हस्ताक्षर वाले पेपर का गलत इस्तेमाल किया है। मामला उलझता नजर आ रहा है। सवाल यह उठता है की साहेबगंज पुलिस किस अदृश्य शक्ति के ईशारे पर इतनी बड़ी अनियमितता करने का साहस किया ।मामला अब न्यायालय के समक्ष आ गया है।
गौरतलब हो कि परिवादी बिजय हॉसदा के द्वारा न्यायालय में अभियुक्तगण 1. विष्णु प्र० यादव, 2. पवित्र कु० यादव, 3. राजेश यादव 4. संजय कुo यादव 5. बच्चू यादव, 6. संजय यादव 7. सुभेश मंडल 8. पंकज मिश्रा के विरूद्ध परिवाद दायर किया गया था। डीआईजी ने प्रेसवार्ता में कहा था कि इस संबंध में परिवादी बिजय हॉसदा द्वारा पुलिस अधीक्षक, साहेबगंज को लिखित आवेदन दिया है कि अशोक यादव के बहकावे में आकर परिवाद दाखिल किया हॅू, जिसे न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना भेजा है लेकिन मैं उक्त केश को आगे लड़ना नहीं चाहता हॅू। उक्त केश झूठा है।