रांची। मानव तस्करी के शिकार झारखंड के साहेबगंज जिले के तीन बालक एवं 11 बालिकाओं को गुरुवार को दिल्ली में मुक्त कराया गया। काउंसिलिंग के दौरान 12 वर्षीय एक बच्ची ने बताया कि एक वर्ष पहले उसके गांव का एक व्यक्ति उसे लेकर दिल्ली आया। एक साल तक विभिन्न इलाकों की कोठियों में घरेलू कार्य कराया गया। विरोध करने पर उसे रेड लाइट एरिया में बेच दिया गया।उल्लेखनीय है कि झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं।
उसने कहा कि वहां से एक दिन मौका देखकर वह खिड़की से कूदकर भाग निकली एवं एक ऑटो वाले की मदद से पुलिस स्टेशन पहुंच गई। पुलिस ने झारखंड भवन से समन्वय स्थापित किया और बच्ची के घर का पता लगाया गया। उसकी मां की मौत हो चुकी है और पिता ने दूसरी शादी कर ली है। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उसे दिल्ली लाया गया था ।
दिल्ली में एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि साहेबगंज जिले के 14 बच्चों में से नौ बच्चों को दिल्ली पुलिस के सहयोग से दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मुक्त कराया गया है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इन सभी बच्चों को झारखंड सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ते हुए इनकी सतत निगरानी की जाएगी।