पटना।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने दबाव में आकर डीजीपी का पद छोड़ने का बयान देकर राजनीति जगत में सनसनी फैला दी है। गुरुवार को पूर्व डीजीपी ने कहा कि वे अपनी मर्जी से स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण नहीं किया बल्कि दबाव में आकर यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे अपमानित करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसे में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उनके लिए एक विकल्प बच गया था। उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव आयोग डीजीपी के पद से हटाता उससे पहले ही मैंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। मौके पर उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि उनके ऊपर किसका दबाव था।
बताते चलें कि पिछले दिनों डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बयानबाजी की थी। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने गत मंगलवार को आनन-फानन में डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया था। जिसे राज्य सरकार ने तत्काल स्वीकार कर लिया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले भी गुप्तेश्वर पांडे ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया था। मगर बाद में उन्होंने सेवानिवृत्ति वाले आवेदन को वापस ले लिया था। उस दौरान भी पांडे के बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व डीजीपी ने अब तक किसी राजनीतिक दल का दामन थामने के संबंध में कोई खुलासा नहीं किया है।