रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय पहुंच चुके है। ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए हेमंत सोरेन अपने भाई बसंत सोरेन के साथ पहुंचे है। बसंत सोरेन अपने भाई हेमंत सोरेन को छोड़कर बाहर निकल गए है। मीडिया के लोगों ने बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन वो किसी भी सवालों का जवाब नही दिए।
इससे पूर्व सीएम सोरेन ने ईडी दफ्तर जाने के पूर्व मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘आज मुझे ईडी के दफ्तर में जाना है। राज्य में अवैध खनन की जांच ईडी कर रही है। उस संदर्भ में मुझे तलब किया है। इस संबंध में मैंने एक पत्र ईडी को भेजा है कि किस प्रकार से 1500 करोड़ के घोटाले का जो जिक्र साहेबगंज जिले से आया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।’
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि, आज मैं ईडी वालों से भी पूछूंगा यह कार्रवाई क्यों।मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने एक पत्र ईडी को भेजा है। किस तरह से 1000 हजार करोड़ घोटाले का मामला सामने आया है। सालाना राज्य को 1000 हजार करोड़ की आमदनी भी खनन से नहीं होती है। ईडी की कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि हमलोग देश छोड़ कर भाग रहे हैं। लेकिन आज तक कोई राजनेता देश छोड़ कर नहीं भागा है, सिर्फ कारोबारी भागते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के बयान के बाद ईडी का समन जारी होना, ऐसा प्रतीत होता है कि राज्यपाल किसी राजनीति पार्टी से तालुक रखते हैं। देश के लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए। देश की एजेंसियों को भी निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके साथ ही सोरेन ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की भलाई करने वाली उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है।
ज्ञातव्य कि झारखंड के बहुचर्चित अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम हेमंत सोरेन आज रांची स्थित ईडी कार्यालय में पेश होंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने उन्हें 17 नवंबर को पेश होने का समन भेजा था। ईडी उनसे पूछताछ कर बयान दर्ज कर सकता है।
उधर, सीएम की पेशी को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने ईडी दफ्तर के बाहर व आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया है। सोरेन से ईडी की पूछताछ व भावी कार्रवाई को लेकर रांची में सियासी हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि कोई विपरीत परिस्थिति पैदा हुई तो उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी यानी नया सीएम कौन होगा? रांची के एसपी अंशुमन कुमार ने कहा कि हम सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कदम उठा रहे हैं। हर हालत में हालात नियंत्रण में रखे जाएंगे।
ईडी के समक्ष पेश होने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने कही ये बातें, मुझे एक षडयन्त्र के तहत फंसाया जा रहा
सत्ताधारी विधायकों पर अभी और होगी छापेमारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज मै ईडी के दफ्तर में जा रहा हू। मुझे समन भी आ गया है। राज्य में अवैध खनन की जांच ईडी कर रही है। इस संदर्भ में मुझे बुलाया गया है। साहिबगंज जिले से जिस तरीके से 1000 करोड़ रुपये के घोटाला का जिक्र आया है, बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संदर्भ में भी मैंने एक पत्र ईडी को भेजा है। वह 17 नवंबर को ईडी कार्यालय जाने से पहले प्रेस से बात कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि सालाना अगर हम देखें तो पूरे राज्य में स्टोन चिप्स से 1000 रुपये की आमदनी भी नहीं होती है। ऐसे में इसका आधार कैसे बना, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि 1000 करोड़ों रुपये का घोटाला करने के लिए कितने करोड़ों का खनन होगा। उसका ट्रांसपोर्टशन कैसे होगा। विगत 2 साल से एजेंसी जांच कर रही है। जो आरोप लगे हैं वह कहीं से संभव प्रतीत नहीं होता।
हेमंत ने कहा कि मुझे लगता है कहीं ना कहीं एजेंसियों को पूरी विस्तृत जांच पड़ताल करने के बाद किसी ठोस निर्णय या ठोस आरोप लगाना चाहिए। आज मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं। एक संवैधानिक पद पर हूं। जिस तरीके से समन की कार्रवाई चल रही है, लगता है जैसे हम लोग देश छोड़कर भागने वाले हैं। मेरे राजनीतिक इतिहास में मुझे नहीं लगता है व्यापारियों को छोड़कर कोई राजनीतिक दल देश छोड़कर भागा हो या राजनीतिक दल के नेता देश छोड़कर भागे हो।
आज कहीं ना कहीं ऐसी कार्रवाई से राज्य में एक संशय की स्थिति उत्पन्न होती है। कार्यपालिका को निरंकुश करने का एक माध्यम बन सकता है। सरकार को अस्थिर करने का भी एक षड्यंत्र कहा जा सकता है। सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष इसे गिराने के षड्यंत्र में लगा हुआ था। यह साजिश की पनडुब्बी पानी में डूब डूबकर काम कर रहा था। ऊपर आने की ताकत नहीं रख रहा था। आज उसे धीरे-धीरे बाहर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग महीनों पाले राज्यपाल को अपना मंतव्य दे चुका है। राज्यपाल ने अभी तक लिफाफा को नहीं खोला। मुझे लगता है कि वह भी किसी समय का इंतजार कर रहे थे। पूरे देश के खबरों में चला कि राज्यपाल ने दूसरा मंतव्य चुनाव आयोग से मांगा है। यह बिल्कुल असंवैधानिक था। जब इसकी जानकारी चुनाव आयोग से ली तब पता चला कि राज्यपाल ने कोई दूसरा मंतव्य नहीं मांगा है। खबरों में चलाते जरूर हैं। उनका बयान जरूर आता है।
हेमंत ने कहा के राज्यपाल राज्य में पटाखे बम फोड़ने की बात करते हैं। उनका बयान आता है और ईडी का समन चालू हो जाता है। उसके बाद धड़ाधड़ सत्ता पक्ष के विधायकों पर छापामारी होती है। कभी इनकम टैक्स की तो कभी ईडी की। यह बड़ा दुर्भाग्य है। मुझे अभी खबर आ रही है कि और भी सत्ताधारी विधायकों पर छापा मारने की तैयारी चल रही है।
यह कहीं ना कहीं राज्यपाल भी राजनीतिक से षड्यंत्रकारी राजनीति और दलों को संरक्षण दे रहे हैं। मेरे ऊपर लगा आरोप निराधार होता है। हमारी सरकार के कार्यकाल में रेवेन्यू में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। बड़े पैमाने पर कार्रवाई होती है। पूर्व की सरकार के समय रेवन्यू का भी नुकसान था। कार्रवाई में भी धीमी गति से चल रही है। हमारी सरकार राज्य के संसाधन को बढ़ा रही हैं। राज्य के समग्र विकास की लंबी लकीर खींची जा रही है। ऐसे में कहीं ना कहीं सरकार की छवि और सरकार के ऊपर राज्य के जनमानस का विश्वास बढ़ा है।
सीएम ने कहा कि अब साफ हो चुका है कि विपक्षी अब राजनीतिक हाशिए पर जा चुके हैं। इस देश का लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए। लोकतंत्र के अंदर जो काम करने वाले लोग हैं, उसको भी निष्पक्ष तरीके से अपना काम करना चाहिए। आज मैं जा रहा हूं और इस बात जोर निश्चित रूप से दूंगा कि आखिर यह कारवाई करने के पीछे की वजह क्या है। आज गिट्टी, बालू, पत्थर, चिप्स देश का सबसे बड़ा रेवन्यू व्यवस्था है तो भारत सरकार इसे मेजर मिनरल्स में शामिल कर ले। कोयला, लोहा को सरकार के माइनर मिनरल्स में शामिल कर दे। मैं आश्चर्यचकित हूं कि इतने बड़े आरोप इतने हल्के में मुख्यमंत्री के ऊपर कैसे लगाए जा सकते हैं।