पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीपावली और छठ से पहले शुक्रवार को यहां 224.19 करोड़ की लागत वाली जनहित की 24 योजनाओं का उद्घाटन किया। इसके साथ बेगूसराय और बक्सर में 515 करोड़ की लागत से बनने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का भी शिलान्यास किया।
नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का शुभारंभ किया। इससे पहले राज्य में 20 लाख नौकरी व रोजगार के वायदे तहत 9,476 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त पत्र प्रदान किया। इनकी बहाली संविदा के आधार पर की गयी है। मुख्यमंत्री ने भोजपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की भी घोषणा की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग अपने बल पर बिहार को विकसित कर रहे हैं।2005 से बिहार के हर क्षेत्र और हर वर्गों के लिए बड़े पैमाने पर काम किए गए हैं। सीएम ने पुराने दिनों की भी याद दिलाई। तेजस्वी यादव की मौजूदगी में सीएम ने 2005 के पहले के बिहार की याद दिलाई। उस दौरान बिहार में लालू-राबड़ी देवी राज की याद दिलाई।
मीडियाकर्मियों पर सीएम ने तंज कसा और कहा कि एक तरफ का सबकुछ लिखते हैं और इधर जो काम होता उस पर ठीक से ध्यान नहीं देते। सीएम ने मुख्यमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य सेवा का भी शुभारंभ किया और कहा कि विभिन्न विभागों में खाली पद भरे जा रहे हैं, आगे और इस कार्य में तेजी लाई जाएगी।
मीडिया से संवाद के बहाने सीएम ने कहा- याद करिए 2005 के पहले के बिहार को।शाम होते ही बाजार बंद हो जाते थे। पटना में भी यही हाल था। कोई दुकान खुली नहीं रहती थी। समारोह में मौजूद महिलाओं को दिखाकर सीएम ने कहा कि इतनी महिलाएं आ पाती थीं क्या? लेकिन आज बिहार का विकास देखिए। कितना काम हुआ है। महिलाएं भी पढ़ाई कर आगे आ रही हैं। इसलिए ऊपर वालों का जो प्रचार चलता है उसे चलाइए लेकिन बिहार में जो काम हुए हैं और हो रहे हैं उनके बारे में लोगों को बताइए ताकि नई पीढ़ी को इसकी जानकारी मिलती रहे।
कार्यक्रम में मौजूद डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने भी सरकार की उपलब्धियों की बात कही। तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने का मॉडल देश स्तर पर अपनाया जा रहा है। महागठबंधन की सरकार बनते ही नौकरी देने का सिलसिला शुरू हो गया है। युवाओं का चयन कर उनके बीच नियुक्ति पत्र बंटने लगे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री भी लोगों को नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं। बिहार के नौकरी मॉडल को आज देश अपना रहा है। बिहार के लोगों ने वह सब करके दिखाया है जिसे आज बड़े से बड़े लोग मान रहे हैं। जब बिहार में महागठबंधन सरकार नियुक्ति पत्र बांटने लगी तो वह भी 75000 लोगों को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं।