हजारीबाग। महाराष्ट्र एटीएस द्वारा 18 सितंबर को गिरफ्तार किए गए 15 लाख रुपये के इनामी हार्डकोर उग्रवादी कारू हुलास यादव को शुकव्रार को हजारीबाग लाया गया। एसपी मनोज रतन चौथे ने पत्रकार वार्ता कर औपचारिक रूप से बताया कि एटीएस को यह मालूम ही नहीं था कि पालघर जिले के नालासोपारा से जिस व्यक्ति को पकड़ा गया है वह 15 लाख का इनामी झारखंड का हार्डकोर नक्सली कारू यादव उर्फ हुलास यादव है।
एसपी ने बताया कि नक्सली कारू यादव का दस्ता चतरा और हजारीबाग के सीमांत इलाके में सक्रिय था। सीमांत इलाके में दुर्दांत माओवादियों के मारे जाने और पकड़े जाने के बाद एकलौता हार्डकोर उग्रवादी रह गया था, जो लेवी वसूलने के साथ-साथ पोस्टर चिपका कर लोगों के बीच दहशत फैला रहा था। संगठन को भी मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। कारू यादव के ऊपर 56 मामले थाने में दर्ज हैं। झारखंड पुलिस ने उसे मोस्ट वांटेड घोषित करते हुए कहा था कि यह एक खतरनाक नक्सली है, जो हिंसा के कई मामलों में सरकार द्वारा वांछित था।
कारू यादव उर्फ हुलास यादव भाकपा माओवादी संगठन का रीजनल कमिटी का सदस्य है, जो हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड का रहने वाला है। कारू हुलास यादव मूल रूप से हजारीबाग जिले के कटकमसांडी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। वह महाराष्ट्र के पालघर जिले में इलाज करवाने के लिए गया था। इसी दौरान इसकी सूचना पुलिस को मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी।उल्लेखनीय है कि यह हार्डकोर उग्रवादी पहले कभी जेल नहीं गया है। पहली बार इसकी गिरफ्तारी हुई है।