गया। मोक्ष भूमि गया जी की धरती पर आज से पितरों की मुक्ति की कामना लेकर आने वाले देश विदेश से तीर्थयात्रियों द्वारा गया के विभिन्न प्रमुख वेदियों पर पिंडदान का कार्य आरंभ हो गया है। गया के प्रमुख वेदियो में प्रेतशिला , रामशिला, देवघाट , अक्षय वट , विष्णुपद सहित 54 वेदियों पर श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान तर्पण किया जा रहा है।
आज अहले सुबह भगवान भास्कर की प्रथम किरण के साथ बिहार की धार्मिक स्थान गया जी में पितरों की मुक्ति के लिए लगने वाला पितृपक्ष मेला प्रारंभ हो गया। इस बार पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को गयाजी की भूमि बदला बदला सा लगेगा , क्योंकि माता सीता के अभिशाप से श्रापित अंतः सलिला फल्गु नदी अब सतत सलिला में परिणत हो चुका है। इतना ही नहीं तपती चिलचिलाती धूप में फल्गु की रेत पर नंगे पांव आस्था के कारण चलने वाले तीर्थ यात्रियों को भी भरपूर राहत मिलेगी , क्योंकि अब विष्णुपद स्थित देवघाट से सीताकुंड तक जाने के लिए रबर डैम का निर्माण भी हो चुका है। जिससे ना सिर्फ पर सालों भर फल्गु नदी में जल प्रवाहित होगा बल्कि देवघाट से सीताकुंड तक जाने के लिए सुगम रास्ता भी मिलेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना के वजह से पिछले 2 वर्षों से सनातन धर्मावलंबियों के आस्था का केंद्र गयाजी में आने का अवसर नहीं मिला था। इसलिए इस बार अत्याधिक लोगों के आने की भी संभावना है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार 10 लाख के आसपास देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री गया जी की भूमि पर अपने पूर्वजों की मुक्ति की कामना को लेकर पहुंचेंगे।
राज्य सरकार से लेकर ज़िला प्रशासन ने भी पूरी मुस्तैदी से तीर्थ यात्रियों के सुविधा हेतु पलक पावडे बिछा रखी है। गया के गांधी मैदान में हजारों की संख्या में तीर्थ यात्रियों के सुविधा का ख्याल रखते हुए टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है। जिसमें तीर्थयात्री पिंडदान करने के बाद सुकून से सो सकेंगे और उन्हें लॉकर की भी व्यवस्था मिलेगी ताकि दिन भर पिंड दान कार्य करने के बाद रात्रि विश्राम और सामानों की सुरक्षा के लिए इत्मीनान हो सके। टेंट सिटी आवासन स्थल बिल्कुल निशुल्क है।
इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए 4000 से अधिक अतिरिक्त महिला और पुलिस बल की तैनाती की गई है। संपूर्ण मेला क्षेत्र में कोई असुविधा ना हो इसके लिए 50 वाच टावर बनाए गए हैं। ड्रोन कैमरे से भी मेला क्षेत्र पर ज़िला प्रशासन की नजर रहेगी। सैकड़ों की संख्या में इसके अतिरिक्त वीडियो कैमरे भी लगाए गए हैं। 254 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस तरह देखा जाए तो आज से प्रारंभ हो रहे पितृपक्ष मेला के लिए परिंदा पर भी ना मार सके ऐसी सुरक्षा और सुविधा तीर्थ यात्रियों को कराई गई है।
इसके साथ ही जिला पदाधिकारी अहले सुबह से ही देवघाट, जगाधर घाट, सीता कुंड, विष्णुपद मंदिर परिसर, मंदिर से देव घाट की संकरी गलियों का लगातार घूम घूम जायजा लेते रहे और भीड़ नियंत्रण हेतु लगातार प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ओ को आवश्यक जानकारी देते रहें। उन्होंने रुक रुक कर सभी ड्यूटी पॉइंट्स पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों से यात्रियों के आवागमन के स्थिति की जानकारी लिया उन्होंने कहा कि यदि एकाएक यात्रियों का भीड़ बढ़ने पर विभिन्न इमरजेंसी एग्जिट प्वाइंट जो चिन्हित किए गए हैं उनसे भी यात्रियों को बाहर निकलवाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि भीड़ पर पूरी तरह नियंत्रण रखें।
उन्होंने एसडीआरएफ की टीम के साथ गयाजी डैम में नाव के सहारे फल्गु नदी पर बने सभी घाटों तथा सीता कुंड का घूम घूम भीड़ नियंत्रण का का जायजा लिया। उन्होंने नगर निगम के सफाई प्रभारी पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार को निर्देश दिया कि तीर्थ यात्रियों द्वारा नदी में किये जा रहे तर्पण सामग्री को तेजी से जाल के सहारे साफ करवाते रहे इसके साथ ही मंदिर परिसर, देवघाट पर तथा अन्य स्थानों पर और अधिक प्रभावी रूप से साफ सफाई करवाएं। उन्होंने प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा तथा एसडीआरएफ की टीम को लगातार भ्रमणशील रहने का निर्देश दिए। एसडीआरएफ के पदाधिकारी ने कहा कि गयाजी डैम/ फल्गु नदी में आज भीड़ को देखते हुए 4 नाव को चलंत रखा गया है तथा लगातार निगरानी रखी जा रही है।