रांची। प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन 21-27 सितंबर तक 18वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसको लेकर कई जगहो में पोस्टर लगाए गए है, जिसमें निवेदक के स्थान पर लिखा है, क्रांतिकारी अभिनंदन के साथ उत्तरी छोटानागपुर जाेन कमेटी भाकपा माओवादी। जिसमें संगठन की ओर से 21 सितंबर से 18वीं वर्षगांठ मनाने का आह्वान किया गया है। इसको लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है।
माओवादियों ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पार्टी के खात्मा के नाम पर पुलिस दमनकारी योजना चला रही है। 2009 से 2017 तक ऑपरेशन ग्रीन हंट तीन चरणो में चलाया गया। घेरा डालो डेरा डालो के नाम पर पुलिसिया दमन चल रहा है। झारखंड क्षेत्र के हर चार-पांच किलोमीटर पर पुलिस छावनी कैंप बने है। कैंप थानो की बढ़ोत्तरी हुई है। संगठन ने वर्षगांठ जोश के साथ मनाने की अपील की है। 21-27 सितंबर तक पूरे राजनीतिक उत्साह और क्रांतिकारी जज्बे के साथ मनाने का आह्वान किया है।
सरकार द्वारा प्राकृतिक खनिज संपदा से भरे झारखंड के जंगल पहाड़ से ग्रामीण क्षेत्रों से आदिवासी मूलवासी जनता को भगाकर उन तमाम क्षेत्रों को कॉरपोरेट घरानों, पूजीपतियों, नौकरशाहो को देना है। इसलिये पूरे ग्रामीण और जंगल पहाड़ के क्षेत्रों में पुलिस छावनी में तब्दील किया जा रहा है। 2018 से 2022 तक केद्र सरकार द्वारा मिशन समाधान व प्रहार शुरु किया गया।
इसके तहत झारखंड के सभी जिलों में जनता के उपर निर्मम और निर्दय रुप से बर्बरतापूर्ण पुलिसिया दमन जारी है। माओवादी के नाम पर गोली मारना, फर्जी मुकदमें में फंसाना, कुर्की जब्ती के नाम पर घरो की संपत्ति लूट लेना, घरों को सील कर देना, फर्जी केसो में जेल भेजना प्रतिदिन निर्मम रुप से चल रहा है।
हेमंत सरकार पूंजीपतियों को ध्यान में रखते हुए आदिवासी मूलवासी को जल, जंगल, जमीन से बेदखल कर जमीन को पूजीपतियों को देने के लिये लैंड पुल कानून लायी है। इस कानून के तहत नगर परिषद और नगर पार्षद 20 किलोमीटर तक के दायरे के भीतर खरीद ब्रिकी का कानून नहीं चलेगा। सीएनटी और पेशा कानून भी नही लागू होगा।