रांची। राजधानी रांची के अनगड़ा माइंस लीज मामले में CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। राज्यपाल रमेश बैस ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी है। हालांकि सोरेन को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने के मामले में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। गौरतलब हो कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भाजपा नेताओं की शिकायत के बाद राज्यपाल ने केंद्रीय चुनाव आयोग से मंतव्य के लिए पत्र भेजा था। जिसपर चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हमंत सोरेन की सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय लेते हुए राज्यपाल को सिफारिश भेजी थी। सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर चुनाव आयोग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी किया जाना है। संभवतः शनिवार को इसके जारी होने की संभावना है।
बरहेट के विधायक सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने सीएम पद रहते हुए अपनी साझेदारी वाली कंपनी को खनन पट्टा दिलाया और उसका नवीनीकरण कराया। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ऐसा करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9(A) के तहत गंभीर मामला है। यह पद के दुरूपयोग से जुड़ा मामला है। जो जांच में सही पाया गया है।
राज्य में जारी संकट को लेकर शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायको की बैठक हुई। बैठक में हर पहलू पर गंभीरता से चर्चा की गई। जानकारी के अनुसार कानूनविदों से भी मुख्यमंत्री रायशुमारी कर रहे हैं। बैठक में किसी भी हाल में सत्ता महागठबंधन के हाथों ही रहे इसपर मंथन किया गया। हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने की स्थिति में क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं इसपर गहन चर्चा हुई। बैठक में कुछ विधायकों को छोड़कर लगभग सभी विधायक मौजूद थें। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने का जिम्मा दिया गया है। बैठक के बाद सीएम हेमंत सोरेन नेतरहाट रवाना हो गए। माना जा रहा है कि राजभवन के फैसले शाम तक आ सकते है। लिहाजा यूपी के विधायक अगली रणनीति तय करने के लिए शाम को भी जुटेंगे। वह भी रात्रि भोज में।
इसी बीच मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा पर्दे के पीछे से खेलती है जबकि झामुमो फ्रंट पर खेलता है। जब से राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से उसे अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। नंबर हमारे साथ है तो दिक्कत कहां है।