रांची। वर्ष 2006 में हजारीबाग बीएसएनएल कार्यालय में हुए 1.92 लाख रूपए के घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तत्कालीन टीडीएम आमोद कुमार और कम्प्यूटर सप्लायर रवींद्र कुमार गुप्ता को दो-दो साल की सजा सुनाई है। अदालत में दोनो पर 10-10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। बताया गया है कि भ्रष्ट अधिकारी और सप्लायर की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का खेल हुआ था। यह मामला वर्ष 2006 का है। इसमें हजारीबाग बीएसएनएल कार्यालय में एक लाख 92 हजार रुपये का भ्रष्टाचार अधिकारी और सप्लायर की मिलीभगत से किया गया था।
भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए बीएसएनएल के तत्कालीन टीडीएम अमोद कुमार, डीटी दशरथ प्रसाद शर्मा, एसडीई बीएन प्रसाद और कंप्यूटर सप्लायर रविंद्र कुमार गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। करीब डेढ़ दशक तक चली न्यायिक प्रक्रिया के दौरान आरोपित दशरथ प्रसाद शर्मा और बीएन प्रसाद की मृत्यु हो गई। दो आरोपित अमोद कुमार और रविंद्र कुमार गुप्ता ने ट्रायल फेस किया। अमोद कुमार के खिलाफ यह आरोप था कि उन्होंने जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना अधिक कीमत पर कंप्यूटर की खरीद की और सप्लायर को भुगतान भी किया।