पटना। सेना भर्ती के लिए बनी अग्निवीर योजना के खिलाफ बिहार के कई हिस्सो में दूसरे दिन शुक्रवार को भी बवाल हुआ। गया जिले के मानपुर रेलखंड के पैमार स्टेशन पर खड़ी एमटी ट्रेन को उपद्रवियों ने फूंक दिया, जिससे दो बोगियां पूरी तरह जलकर खाक हो गई। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने शेष बोगियों को जलने से बचा लिया। वहीं नवादा के राजगीर-बोधगया राजमार्ग पर नारदीगंज में थाने की जीप जला दी और सीओ के वाहन पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस बीच रजौली थाने को भी उड़ाने का प्रयास किया गया। नारदीगंज एवं रजौली में 40 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि नारदीगंज में सड़क भी जाम की गई।
गया के पैमार स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि उपद्रवी किऊल पैसेंजर ट्रेन से उतरे थे और ट्रेन में आग लगाकर पैसेंजर ट्रेन से ही वापस चले गए। मालूम हो कि अगलगी के बाद ट्रेन से जब धुआं उठने लगा तो ट्रेन के ड्राइवर व अन्य कर्मियों के सहयोग से शेष बोगी को काटा गया। सूचना में विलंब के कारण पुलिस मौके पर दो घंटे बाद पहुंची। इस पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी कुंदन कुमार ने स्टेशन प्रबंधक को समय पर सूचना देने की हिदायत दी।
जबकि नवादा के नारदीगंज प्रदर्शन के दौरान पहुंचे थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने जब प्रदर्शनकारियों को समझाने में लगे थे, तब कुछ असामाजिक तत्वों ने आग में घी डालने का काम किया। इस पर पुलिस दल पर पथराव शुरू हो गया। उपद्रवियों ने पुलिस की बोलेरो वाहन को पलटकर आग लगा दी। पुलिस कर्मियों को इधर उधर भागकर जान बचाना पड़ा। मौके पर पहुंची अंचलाधिकारी अमिता सिन्हा के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। स्थिति खराब होने पर एसडीओ उमेश कुमार भारती और एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद अतिरिक्त पुलिस बल के साथ पहुंचे और उपद्रवियों को खदेड़ा। केंद्र सरकार के सैनिक बहाली की अग्निपथ योजना के खिलाफ पटना के दानापुर स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी ।
पूर्व मध्य रेल के विभिन्न स्टेशनों/रेलखंडों पर धरना-प्रदर्शन के कारण पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से खुलने/पहुंचने वाली ट्रेनों का परिचालन आज भी अवरूद्ध रहा जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । शुक्रवार को प्रातः 05.00 बजे से 16.55 बजे तक बड़ी संख्या में धरना-प्रदर्शन के दौरान 60 से अधिक कोच तथा 10 से अधिक इंजन को आग से क्षतिग्रस्त किया गया ।
यात्री सुरक्षा एवं संरक्षा के मद्देनजर 214 मेल/एक्सप्रेस/पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन रद्द करना पड़ा जबकि 78 ट्रेनों का आंशिक समापन/प्रारंभ किया गया । इसी तरह 12 ट्रेनों को पुनर्निर्धारित कर चलाया गया जबकि एक ट्रेन का परिचालन परिवर्तित मार्ग से किया गया जिसके फलस्वरूप हजारों यात्री अपनी यात्रा प्रारंभ नहीं कर सके । इन यात्रियों में छात्र, मरीज भी शामिल थे जिन्हें धरना-प्रदर्शन के कारण अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी । इसी कड़ी में मालगाड़ियो का भी परिचालन अवरूद्ध रहा