कोडरमा । भाजपा के सांसद और विधायक होने और संतोषजनक संख्या बल के बावजूद कोडरमा जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर राजद जिला अध्यक्ष रामधन यादव की जीत के कई मायने लगाए जा रहे है। रामधन की जीत ने सारे राजनीतिक समीकरण बिगाड़ दिए हैं । यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में होने लगी है।
संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिले के 12 जिप सदस्यों में पांच भाजपा भाजपा के समर्थक माने जा रहे थे । कोडरमा की भाजपा सांसद व केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी व कोडरमा विधायक डॉ नीरा यादव का इलाके में दबदबा के साथ निर्वाचित सदस्यों पर पकड़ के कारण शुरुआती दौर पर भाजपा की जीत अध्यक्ष पद जीत पक्की मानी जा रही थी लेकिन परिणाम ठीक इसके विपरीत रहा। भाजपा समर्थित जिप अध्यक्ष प्रत्याशी लक्ष्मण यादव को मात्र 3 वोट से संतोष करना पड़ा जबकि राजद जिला अध्यक्ष को 9 वोट मिले।
इधर गत विधानसभा चुनाव के समय से ही राजद कोडरमा में अपनी खोई जमीन को पाने की जुगत में लगी है। इसमें काफी हद तक राजद को सफलता भी मिली थी राजद प्रत्याशी अमिताभ चौधरी ने भाजपा प्रत्याशी नीरा यादव को कड़ी टक्कर देकर इसका एहसास कराया था। मालूम हो कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीब रहे सुभाष यादव ने यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी तैयारी कर रखी थी लेकिन अपरिहार्य कारणों से सुभाष यादव का नामांकन रद्द होने के बाद राजद से अमिताभ चौधरी को विधानसभा में उतारना पड़ा था ।
इसके बाद से ही सुभाष यादव कोडरमा में अपनी जड़ें लगातार मजबूत करने में लगे हैं। सुत्र बताते है कि सुभाष यादव जिप अध्यक्ष के चुनाव में भी काफी दिलचस्पी दिखाई है। बताया जाता है कि उन्होंने अपने प्रयास से कई सदस्यों को अपने खेमे में लाने का प्रयास किया और इसमें सफल भी रहे। हालांकि जिप अध्यक्ष बने रामधन यादव ऐसा नही मानते है। उनका मानना है कि संख्या बल के आधार पर उनकी जीत सुनिश्चित हुई है।