रांची।
राजधानी के मोराबादी मैदान में पिछले 4 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सहायक पुलिस कर्मियों से बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रधुवर दास ने मिलकर उनकी मांगों का समर्थन किया। मौके पर उन्होंने झामुमो को चुनाव के दौरान प्रदेश के 5 लाख बेरोजगारों नौकरी देने के किए गए वादों को याद दिलाते हुए कहा कि यह सरकार अपनी वादों से मुकर रही है। नई नियुक्ति तो दूर की बात पूर्व में बहाल किए गए लोगों को भी हटाया जा रहा है। सरकार की नीतियों के कारण लोग बेरोजगार हो रहे हैं। उन्होंने धरना दे रहे पुलिसकर्मियों के संबंध में कहा कि उनकी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए उन्हें 3 सालों के अनुबंध पर बहाल किया था। साथ ही सरकार ने पुणे 3 साल बाद नियमित करने का भी वादा किया था। हेमंत सोरेन की सरकार ने इनकी नियुक्ति पर रोक लगाकर इनके साथ अन्याय किया है। सरकार को संवेदनशील होकर इनकी जायज मांगे माननी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 4 दिनों से आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों से मिलने अब तक सरकार का न कोई मंत्री और न ही कोई अधिकारी ही पहुंचा है। उल्टे उनके विरुद्ध एफआईआर की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस प्रकार का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने आंदोलनकारी का चोला पहनकर जनता के सामने भाजपा सरकार की बदनामी की और सत्ता हासिल की। वहीं सरकार मुद्दों को लेकर मुंह छुपाए घूम रही है।
सरकार में सब कार्य उल्टा हो रहा है
मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दास ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में सभी कार्य उल्टा हो रहा है। झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 के संबंध में उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेट्स नीतियां बना रहे हैं और मंत्रिमंडल उसको लागू कर रहा है। जबकि मंत्रिमंडल का काम है नीतियां बनाना और ब्यूरोक्रेसी का काम है इसे लागू करना। उन्होंने कहा कि लैंड म्यूटेशन बिल उनके समय भी लाया गया था। मगर इसमें आदिवासी मूल वासियों की जमीन लूटने का डर था। इस कारण दो बार इसे वापस लौटा दिया गया था। झामुमो के बड़े-बड़े नेता बिल्डर आदि ने गरीब आदिवासियों को बरगला कर जमीन को लूटने का काम किया था। अब वही लोग अपनी जमीन बचाने के लिए इस प्रकार के बिल लाए हैं।