रांची। आरपीएफ टीम ने मंगलवार को हटिया रेलवे स्टेशन से दो नाबलिगो को रेस्क्यू किया है। गुमला की रहने वाली दोनो नाबालिगो को ईंट भट्ठा पर काम करने के लिए मोतिहारी बिहार ले जाया जा रहा था। फिलहाल मामले की जाच करते हुए दोनो को एएसटीयू कोतवाली, रांची को सौंप दिया गया। दोनो के अभिभावको को भी सूचना दे दी गई है।
जानकारी अनुसार आपरेशन आहट के तहत हटिया आरपीएफ ने हटिया स्टेशन पर चेकिंग के दौरान प्लेटफॉर्म एक पर दो नाबालिग लड़कियों को एक पुरुष के साथ संदेहास्पद अवस्था में देखा। जिसके बाद पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि एक महिला कर्मी उरांव जो उनके गांव की है । उन्हें ईंट का भट्टा में काम करवाने मोतिहारी (बिहार) का लालच दिया। उस महिला ने ऐसे काम के लिए कई बच्चों को वहां भेजा है।
साथ में खड़े व्यक्ति हरिहर प्रसाद बताया कि वह पंसालवा, केसरिया, मोतिहारी में ईंट के भट्टे पर काम करता है। वह गुमला का रहने वाला है। कैरी उरांव नामक महिला ने दोनों को वहां ले जाने के लिए आग्रह किया था। बाद में नन्हे फरिस्ते टीम की महिला आरपीएफ उपनिरीक्षक सुनीता तिर्की और बचपन बचाओ आंदोलन के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर हटिया पहुंचे तथा जांच की ।
बच्चों के गार्जियन से संपर्क साधा। उन बच्चियों के मेडिकल परीक्षण डिवीजनल रेलवे अस्पताल हटिया से कराकर तमाम औपचारिकता पूरी कर उनको को एएचटीयू कोतवाली रांची को सौंप दिया। थाना की ओर से करमी उरांव तथा हरिहर प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरपीएफ की टीम में एएसआई आरआर ज्योति, एएसआई पीके सिंह, महिला आरक्षी मनखुशी विश्वास तथा एसपी खलखो शामिल रहे।