पटना। वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों ने 73 करोड़ जीएसटी चोरी का मामला पकड़ा है। कोयले में करोड़ों का व्यापार कर रहे मधुबनी-स्थित एक फर्म के निरीक्षण के दौरान निबंधन में दर्ज व्यवसाय के मुख्य स्थल पर किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि नहीं पाई गई।
विभाग ने यह पाया कि फर्म ने बिना खरीद के मासिक विवरणी में लगभग 73 करोड़ का आउटवर्ड सप्लाई प्रदर्शित किया गया था, जबकि कर के भुगतान के लिए नकद में शून्य राशि जमा की गई।विभाग की आयुक्त-सह-सचिव डॉ प्रतिमा ने शुक्रवार को बताया कि विभाग इस सिंडिकेट में शामिल फर्मों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी। कोयले के व्यापार में हो रही फर्ज़ीवाड़े तथा कर चोरी को रोकने के लिए विभाग अन्य ट्रेल्स तथा निर्यात दिखा रहे व्यवसायियों की भी जांच कर रही है।
डॉक्टर प्रतिमा ने बताया कि फार्म में जिस महिला का पता लगाया गया था, जांच के क्रम में यह पाया गया कि वह एक ग्रामीण महिला है। उनके द्वारा यह बताया गया कि वह किसी प्रकार के व्यापारिक गतिविधि में संलिप्त नहीं हैं, जो जांच का एक विषय है। विभाग इस बिंदु पर भी अग्रेतर जांच करेगी कि इस प्रतिष्ठान का वास्तविक मालिक कौन है।
उन्होंने बताया कि इस फर्म के द्वारा कुल 19 फर्मो को सप्लाई दिखाई गई है, जिनमें झारखंड के 14, बिहार के 02 तथा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल के 01-01 फर्म शामिल हैं। विभाग के द्वारा प्रथम चरण में झारखंड ट्रेल के अन्वेषण के क्रम में यह पाया गया कि झारखंड के 14 में 04 फर्मों का निबंधन रद्द है तथा अन्य 10 फर्मों का निबंधन हाल में ही लिया गया है।
झारखंड के इन फर्मो द्वारा आपस में भी खरीद-बिक्री की जा रही है जो सरकूलर बिल ट्रेडिंग का मामला प्रतीत होता है। झारखंड ट्रेल में बिहार के 1075 तथा बिहार के बाहर के 1031 फर्म शामिल हैं, जिनके द्वारा फेंक इनवाइसिंग के माध्यम से बोगस आईटीसी प्राप्त किया गया है। इन लाभार्थियों में एक रक्सौल-स्थित फर्म द्वारा निर्यात दिखाया जा रहा है जो जांच का विषय है।